आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
गाँधी जी के पदचिन्होंपर चल प्यारे,दूसरा गाल भी पाक के आगे कर प्यारे।" यही तो कर रहें हैं..."
सही चोट मारी है।यही सब कुछ तो हो रहा है तभी तो यह हाल है।
कहते हैं न, अहिंसा या क्षमा भी ताकतवरों को ही शोभा देती है।
Post a Comment
3 comments:
गाँधी जी के पदचिन्हों
पर चल प्यारे,
दूसरा गाल भी
पाक के आगे कर प्यारे।
" यही तो कर रहें हैं..."
सही चोट मारी है।यही सब कुछ तो हो रहा है तभी तो यह हाल है।
कहते हैं न, अहिंसा या क्षमा भी ताकतवरों को ही शोभा देती है।
Post a Comment