Monday, November 17, 2008
जनता का उम्मीदवार कुन्नर
जब राजनीतिक दलों के नेता बिना समझे टिकट की बन्दर बाँट करतें हैं तो जनता को सामने आना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हुआ श्रीगंगानगर जिले के श्री करनपुर में , यहाँ एक नेता हैं गुरमीत सिंह कुन्नर। इनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया, नहीं दिया तो नहीं दिया। कुन्नर ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। बस उसके बाद इलाके की जनता कुन्नर के यहाँ पहुँच गई। कोई सौ दो सौ नहीं। कई हजार। श्री कुन्नर ने चुनाव ना लड़ने की बात कही। लेकिन जनता कुछ भी सुनाने को तैयार नहीं हुई। आख़िर श्री कुन्नर को यह कहना पड़ा, जो आपकी इच्छा हो, मैं आपके साथ हूँ। लो साहब, इलाके में जनता का उम्मीदवार बन गया कुन्नर। कांग्रेस और बीजेपी की टिकट पाने वाले जनता को तरस गए और श्री कुन्नर के यहाँ अपने आप कई हजार लोग आ पहुंचे। इस भीड़ ने कुन्नर का पर्चा दाखिल करवाया। भीड़ ने कुन्नर को भरोसा दिलाया है कि वे उनके लिए दिन रात एक कर देंगे। हिंदुस्तान में बहुत कम जगह ऐसा होता होगा जब जनता किसी को जबरदस्ती चुनाव लड़ने को मजबूर करती है। जब जन जन साथ हो तो फ़िर विजय कैसे दूर रह सकती है।
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4 comments:
जब जन जन साथ हो तो फ़िर विजय कैसे दूर रह सकती है।
" bdaa hee etihasik kadam uthaya hai jnta ne...."
Regards
कुन्नर जी जीत कर आएं।
अपने आप को सबका भाग्यविधाता समझने वाले नेताओं के मुंह पर तमाचा होगा।
ज़नाब ये भीड़ का नाटक तो टिकट जिनको नहीं मिलता हो वो करते हैं, पहले टिकट के लिये हल्ला करते हैं फिर जब टिकट नहीं मिलता तब जनता की मांग बताकर खड़े हो जाते हैं, जब इलेक्शन का रिजल्ट आता है तो ये लेटे दिखते हैं.
वैसे जब इनका चुनाव परिणाम आये तब जरूर पोस्ट कीजियेगा, भूलियेगा नहीं
आप का लेख पढा, लेकिन देवांग जी की बत भी गोर करने योग्या है, क्योकि आज कल यह सब नाटक खुब हो रहै है, ओर यह कुन्नर साहब पहले भी कभी कुछ बने थे अगर हां तो इन के कामओ पर नजर डालनी चाहिये , ना की भीड पर.
धन्यवाद
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