पानी का एक अनंत समंदर
उसमे उमड़ रहा भयंकर तूफान
आकाश से मिलने को आतुर
ऊपर ऊपर उठती लहरें
ऐसे मंजर को देख
बड़े बड़े जहाजों के कप्तान
हताश होकर एक बार तो
किनारे की आश छोड़ दें,
मगर एक छोटी सी नाव
इस भयंकर तूफान में
इधर उधर हिचकोले खाती हुई
किस्मत की लकीरों को मिटाती हुई
यह सोच रही है कि
कभी ना कभी तो
मुझे किनारा नसीब होगा
या बीच रस्ते में ही इस
समंदर की अथाह गहराइयों में
खो जाउंगी सदा के लिए।
नाव की कहानी मेरे जैसी है
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
12 comments:
बडी सादगी से इतनी बडी सच्चाई कह दी आपने.
नाव की कहानी मेरे जैसी है
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
" बहुत भावपूर्ण रचना , सच कहा जिन्दगी भी एक नाव की तरह ही है, रोज डूबने और उभरने के फेयर मे व्यस्त और चिंतित .."
Regards
काफी खूबसूरती से लिखा है आपने दिल को छुने वाला है ....
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
bahut sunder rachana
pahli baar aapko pada to bas...yahi kahunga ki....Narayan ...narayan....aapka blog mere liye bahut pranadayak raha....krapya mere blog par padharte rahen...
Jai Ho Magalmay ho...
अरे ये नाव की कहानी तो मेरे जैसी है !
बहुत खुब गहरे भाव लिये है आप की यह कविता, हम सब को आस नही छोडनी चाहिये आखरी दम तक, क्यो कि आस है तो सांस है.
धन्यवाद
जहाज और नाव की मानसिकता में अन्तर बताते हुए जीवन दर्शन बड़े ही शानदार तरीके से आपने व्यक्त किया है .अनुभव वाकई बड़ी चीज़ है.
.............और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
नारदमुनी क्या बात है नारायण नारायण .
नाव की कहानी मेरे जैसी है
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
अति सुन्दर भाव | नाव की कनाही शायद हम सबके जैसी है |
सादर
नाव की कहानी मेरे जैसी है
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
अति सुन्दर भाव | नाव की कनाही शायद हम सबके जैसी है |
सादर
नाव की कहानी मेरे जैसी है
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
अति सुन्दर भाव | नाव की कनाही शायद हम सबके जैसी है |
सादर
नाव की कहानी मेरे जैसी है
वह समुंदरी तूफान में
किनारे की आस में है
चली जा रही हैं,
और मैं जिंदगी के तूफान में
जिंदगी की आस में
जिए जा रहा हूँ।
अति सुन्दर भाव | नाव की कनाही शायद हम सबके जैसी है |
सादर
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