श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में विधानसभा की ११ सीट हैं। गत चुनाव में बीजेपी ने सात,कांग्रेस,लोकदल[चौटाला] ने एक एक सीट जीती। दो निर्दलीय भी विजयी हुए थे। इस बार देखते हैं कि कहाँ क्या हो सकता है।
श्रीगंगानगर- यहाँ से कांग्रेस के राज कुमारगौड़,बीजेपी के राधेश्याम गंगानगर मुख्य उम्मीदवार हैं। गजेंद्र सिंह भाटी बीजेपी का बागी है। बीएसपी का सत्यवान है। इनके अलावा 9 उम्मीदवार और हैं। जिनके नाम हैं-ईश्वर चंद अग्रवाल,केवल मदान,पूर्ण राम, भजन लाल, मनिन्द्र सिंह मान, राजेश भारत,संजय ,सत्य पाल और सुभाष चन्द्र। बीजेपी के राधेश्याम गंगानगर गत चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर ३६००० वोट सर हारे। उन्होंने कुछ दिन पहले ही बीजेपी का दामन थामा और बीजेपी ने टिकट उनको थमा दी। बस यह बात जन जन को हजम नहीं हो रही। जिसको जनता ने ३६०० मतों से हराया वह चौला बदल कर फ़िर सामने है। जिस कारण राजकुमार गौड़ भारी पड़ रहें हैं। बीजेपी के दिमाग में यह बात फिट करदी कि श्रीगंगानगर से केवल अरोडा बिरादरी का उम्मीदवार ही चुनाव जीत सकता है। राधेश्याम गंगानगर इसी बिरादरी से है। जैसे ही कांग्रेस ने इनको नकारा बीजेपी ने लपक लिया। मगर ये बात याद नही आई कि इसी अरोडा बिरादरी के राधेश्याम गंगानगर ने सात चुनाव में से केवल तीन चुनाव ही जीते। जो जीते वह कम अन्तर से जो हारे वह भारी अन्तर से। बीजेपी कार्यकर्त्ता क्या आम वोटर को राधेश्याम का चौला बदलना हजम नहीं हो रहा। राधेश्याम अभी तक बीजेपी के नेताओं को अपने पक्ष में नहीं कर पाए। एक को मना भी नहीं पाते कि दूसरा कोप भवन में चला जाता है। सब जानते हैं कि राधेश्याम गंगानगर ने कांग्रेस में किसी को आगे नहीं आने दिया, इसलिए अगर यह बीजेपी में जम गया तो उनका भविस्य बिगड़ जाएगा। लोग सट्टा बाजार और अखबारों में छपी ख़बरों की बात करतें हैं। लेकिन इनका भरोसा करना अपने आप को विचलित करना है। १९९३ में सट्टा बाजार और सभी अखबार श्रीगंगानगर से बीजेपी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत की जीत डंके की चोट पर दिखा रहे थे। सब जानतें हैं कि तब श्री शेखावत तीसरे स्थान पर रहे थे।
1 comment:
यही कारण है जिस से लोगो का वोट देने का हिसाब गलत हो जाता है, यहा बीजे पी को किसी पागल कुते ने काट खाया??
धन्यवाद
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