Wednesday, November 5, 2008

भात भरेगा मामा

---- चुटकी----

झोली फैलाकर
खड़े रहो
होगी ऐसी करामात,
खुशियाँ घर घर
बरसेंगीं,मामा[चन्दा]
ऐसा भरेगा भात।

----गोविन्द गोयल

No comments: