Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Wednesday, November 5, 2008
भात भरेगा मामा
---- चुटकी----
झोली फैलाकर
खड़े रहो
होगी ऐसी करामात,
खुशियाँ घर घर
बरसेंगीं,मामा[चन्दा]
ऐसा भरेगा भात।
----गोविन्द गोयल
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