आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
आक्रोश से भी काम ना चलेगा ,अब तो नेताओं का बैंड बजाओ ।
sale atnakwadiyon mein dam nahi tha nahi to sansad ke bahar kyon mare jate.
बहुत सही लिखा आप ने
बहुत सह लियाअब ना सहेंगेंsahi likhtey hain aap.
बिलकुल सही ।बहुत सह लियाअब ना सहेंगें
बिल्कुल ठीक कहा बंधुवर
bahut khub.....accha likha hai.. पर तेरा जीवन मैं हूं अक्षय-मन
आपके लेख पर प्रतिक्रिया में डा. सुभाष भदोरिया की गजल के दो शेर प्रस्तुत है..देख खूं होश में आअो लोगो,अब तो हथियार उठाआे लोगों।रोग मिग्री का लगा है सबकों ,जूते मंत्री को सुंघाआें लोगों।
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8 comments:
आक्रोश से भी काम ना चलेगा ,अब तो नेताओं का बैंड बजाओ ।
sale atnakwadiyon mein dam nahi tha nahi to sansad ke bahar kyon mare jate.
बहुत सही लिखा आप ने
बहुत सह लिया
अब ना सहेंगें
sahi likhtey hain aap.
बिलकुल सही ।
बहुत सह लिया
अब ना सहेंगें
बिल्कुल ठीक कहा बंधुवर
bahut khub.....accha likha hai..
पर तेरा जीवन मैं हूं
अक्षय-मन
आपके लेख पर प्रतिक्रिया में डा. सुभाष भदोरिया की गजल के दो शेर प्रस्तुत है..
देख खूं होश में आअो लोगो,
अब तो हथियार उठाआे लोगों।
रोग मिग्री का लगा है सबकों ,
जूते मंत्री को सुंघाआें लोगों।
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