श्रीगंगानगर-नगर के हृदय स्थल गांधी चौक पर कई दशक से अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाला पैगोड़ा होटल अब किसी और का हो गया है। इसे साठ के दशक में वेद प्रकाश सेठी ने स्थापित किया था। कुछ समय ने पैगोड़ा ने अपने खास पहचान बना ली। उसके बाद उनको पुत्रों ने इसकी ख्याति में और बढ़ोतरी की। इसका नाम चमकता ही गया। जो भी खास व्यक्ति इस क्षेत्र मे आया तो उसकी पसंद यही पैगोड़ा होटल रहा। लगभग पांच दशक के अपने सफर में पता नहीं कितनों व्यक्तियों की खातिर इस होटल ने की। आयोजन को भव्यता प्रदान की। इस होटल में कोई कार्यक्रम होते ही वह खुद खास हो जाता था। चाहे वह सगाई का हो या पार्टी का। रिश्तेदार,मित्र यही चर्चा करते...अरे पैगोड़ा में है तो बढ़िया ही होगा। आज तक किसी विवाद में इस होटल का नाम नहीं आया। साफ सुथरा। एक दम फिट। कहीं कोई कमी की गुंजाइश नहीं। यस, वही होटल अब सेठी परिवार का नहीं रहा। किसी और का हो गया। सेठी परिवार पैगोड़ा को बेच दिया है। अब यह गौरी शंकर जिंदल परिवार का है। यह कितने में खरीदा बेचा गया,यह लिखना कोई मायने नहीं रखता। शहर के बीच में इतना पुराना होटल बेचा खरीदा गया है तो निश्चित रूप से बड़ी रकम होगी। खैर,यह तो लेने और देने वालों के आपस का मामला है। खबर बस यही कि अब पैगोड़ा होटल सेठी परिवार का नहीं रहा। चर्चा तो पैगोड़ा रिसोर्ट की डील भी होने की है। लेकिन पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है।
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