Monday, December 26, 2011

गर्मियों में नहर बंदी का विरोध, क्षेत्र के बाग उजड़ने की आशंका


श्रीगंगानगर-इस क्षेत्र की लाइफ लाइन तीनों नहरों गैंग कैनाल,इन्दिरा गांधी नहर और भाखड़ा नहर में अप्रैल 2012 में प्रस्तावित बंदी को किसान क्षेत्र को बरबाद करने वाला मान रहे हैं। नहर बंदी 50 से 90 दिन तक की होगी। इस दौरान नहरों में पानी नहीं होगा। आज इस बंदी के विरोध में बागों के मालिक जिला कलेक्टर अंबरीष कुमार से मिले और उनको ज्ञापन दिया। किसानों का कहना था कि उनके गर्मी में उनके बागों को दो माह के बाद पानी उपलब्ध हो सकेगा। दो माह तक पानी ना मिलने के कारण बागों में लगे सभी फलों के पेड़ समाप्त होने की आशंका है। इस क्षेत्र की पहचान किन्नू तो बिना पानी के बिलकुल भी नहीं हो सकेगा। किसानों का कहना था कि बंदी सर्दी में ली जानी चाहिए। हालांकि बागों में पानी की डिग्गी हैं मगर उनकी क्षमता अधिकतम एक माह ही है। इस वजह से पानी की उपलब्धता लगातार संभव नहीं।

विभिन्न सूत्रों से पता चला है कि तीनों नहरों के मरम्मत के लिए 1352 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है। यह राशि चार साल में खर्च की जानी है। पहले साल बंदी का समय कुछ अधिक रहेगा। उसके बाद आगामी तीन साल इसकी अवधि कम रहेगी। सूत्रों ने कहा कि अगर यह काम नहीं हुआ तो किसानों को उतना पानी भी नहीं मिलेगा जितना अब मिल रहा है। क्योंकि नहरों की हालत बहुत खराब है। सरकारी सूत्र मानते हैं कि बंदी से किसानों पर फर्क तो पड़ेगा,लेकिन उतना नहीं जितना किसान बता रहें हैं।

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