Sunday, October 18, 2009

राम-राम,राम-राम


आज बस राम-राम। दोस्त को भी और उनको भी जो मुझे अपना दुश्मन समझतें हैं या वो मेरे दुश्मन है। राम राम अपनों को भी,परायों को भी। अच्छे को भी, बुरे को भी।
इस धरा पर रहने वाले सभी जीवों को, जड़ को, चेतन को, अवचेतन को दिवाली की राम-राम। तस्वीर बीबीसी से साभार ली गई है। बीबीसी का धन्यवाद करता हूँ।

11 comments:

वाणी गीत said...

शुभ दीपावली ...!!

RAJ SINH said...

aapko deep paev kee shubhkamnayen .

aur RAM RAM !

Vinashaay sharma said...

अच्छा विचार दिवाली की शुभकानायें ।

परमजीत सिहँ बाली said...

राम राम।

मनोज कुमार said...

हे राम, ... आराम, ... पूर्ण विराम।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

राम राम !!

Dr. Shreesh K. Pathak said...

बड़ी विनम्रता दिखाई नारद जी ने, नारायण, नारायण..:)
श्रीमन, आपको प्रकाशपर्व की अनगिन बधाइयाँ....

शरद कोकास said...

दोस्तो का तो हमे पता है आपके दुश्मन भी है क्या ? चलिये अब आपने उन्हे भी शुभकामनाये तो दे ही दे है ।

Dr.R.Ramkumar said...

नारायण नारायण ....राम तो आज दुश्मनों को मिटाकर घर आए हैं मुनिश्रेष्ठ....पर दिए तो सबके नाम के जलने चाहिए.........
गुलों से खार बेहतर हैं जो इदामन थाम लेते हैं...... दीपावली सुशुभ आपको ....जै जै राम

Safat Alam Taimi said...

सुन्दर पोस्ट है।

Raju (world's king) said...

ram ram narad bhaiya