आज बस राम-राम। दोस्त को भी और उनको भी जो मुझे अपना दुश्मन समझतें हैं या वो मेरे दुश्मन है। राम राम अपनों को भी,परायों को भी। अच्छे को भी, बुरे को भी।
इस धरा पर रहने वाले सभी जीवों को, जड़ को, चेतन को, अवचेतन को दिवाली की राम-राम। तस्वीर बीबीसी से साभार ली गई है। बीबीसी का धन्यवाद करता हूँ।
इस धरा पर रहने वाले सभी जीवों को, जड़ को, चेतन को, अवचेतन को दिवाली की राम-राम। तस्वीर बीबीसी से साभार ली गई है। बीबीसी का धन्यवाद करता हूँ।
11 comments:
शुभ दीपावली ...!!
aapko deep paev kee shubhkamnayen .
aur RAM RAM !
अच्छा विचार दिवाली की शुभकानायें ।
राम राम।
हे राम, ... आराम, ... पूर्ण विराम।
राम राम !!
बड़ी विनम्रता दिखाई नारद जी ने, नारायण, नारायण..:)
श्रीमन, आपको प्रकाशपर्व की अनगिन बधाइयाँ....
दोस्तो का तो हमे पता है आपके दुश्मन भी है क्या ? चलिये अब आपने उन्हे भी शुभकामनाये तो दे ही दे है ।
नारायण नारायण ....राम तो आज दुश्मनों को मिटाकर घर आए हैं मुनिश्रेष्ठ....पर दिए तो सबके नाम के जलने चाहिए.........
गुलों से खार बेहतर हैं जो इदामन थाम लेते हैं...... दीपावली सुशुभ आपको ....जै जै राम
सुन्दर पोस्ट है।
ram ram narad bhaiya
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