आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
ना जन की सुनेगाना गण की सुनेगा,जिस से मिलेगा फायदातू उस मन की सुनेगा। सटीक बात ...
khub likha hai..narad ji
क्या बात कही है आपने. सच कहा आज के ज़माने में नेतागिरी एक कौम बन गयी है जिसे किसी से कोई मतलब नहीं है और उसे केवल अपने फायदे से मतलब है.
ये कड़वा सत्य नारदजी के अलावा और नहीं कह सकता था, बहुत खूब
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5 comments:
ना जन की सुनेगा
ना गण की सुनेगा,
जिस से मिलेगा फायदा
तू उस मन की सुनेगा।
सटीक बात ...
khub likha hai..narad ji
क्या बात कही है आपने. सच कहा आज के ज़माने में नेतागिरी एक कौम बन गयी है जिसे किसी से कोई मतलब नहीं है और उसे केवल अपने फायदे से मतलब है.
ये कड़वा सत्य नारदजी के अलावा और नहीं कह सकता था, बहुत खूब
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