Monday, April 27, 2009
जरनैल सिंह को ढेर सारे थैंक्स
सॉरी, जरनैल सिंह जी। जिस दिन आपने गृह मंत्री पर जूता फेंका था उस दिन मैंने आपको बहुत बुरा भला कहा था। मैं नादान था गलती हो गई। तब तो नारदमुनि यही समझता था कि आजकल कौन पत्रकारों का अनुसरण करता है। उनके किए और लिखे पर कौन ध्यान देता है? अब समझ आ रहा है कि नारदमुनि तू कितना ग़लत था। उस दिन तो जरनैल सिंह ने जूता फेंक कर देश में एक नई क्रांति की शुरुआत की थी। हम इराकी नहीं हैं जो एक बार में बस कर जायें,हम तो वो हैं जो एक बार कोई बात पकड़ लें तो उसका पीछा नहीं छोड़ते। हाँ, बात ही हमारा पीछा छोड़ दे तो अलग बात है। तो जरनैल सिंह जी आपने जो कुछ पत्रकार के नाते लिखा होगा उसका असर कभी हुआ या नहीं आपको पता होगा, लेकिन आप इस बात की खुशी तो मना ही सकतें हैं कि आपके किए का असर हुआ और लोग भी अब आपके पद चिन्हों पर चल रहें हैं। किसी के लिए इस से ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है कि देश वासी उसका अनुसरण कर रहें हैं। जरनैल सिंह जी,नारदमुनि दर दर भटकने वाला अज्ञानी है। आपको कोई सलाह , सुझाव,राय देना सूरज को दीपक दिखाना है। फ़िर भी कुछ कहने की गुस्ताखी कर रहा हूँ। जरनैल सिंह जी आप के पास समय हो तो जूता फेंकने के सम्बन्ध में कुछ टिप्स लोगों को देन। आपने देखा कि आपके जूते ने जितना असर दिखाया था उतना किसी के जूते ने नहीं। इसलिए आप सबको बताओ कि जूता किस एंगल से फेंका जाए। जूता फेंकने वाला नेता से कितनी दूरी पर हो। जूते का वजन लगभग [ मोटे रूप में ] कितना हो। कौनसा समय उत्तम होता है जूता फेंकने के लिए। जूता कोई खास कंपनी का हो या कोई भी कंपनी चलेगी। आप कोई रिकमंड करो तो...... । जूता फेंकने के लिए पहले क्या तैयारी करनी जरुरी है। जूता फेंकने वाले को क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए। जूता नया हो या पुराना,या फ़िर नेता की शक्ल सूरत के हिसाब से नया पुराना तय करें।हो सके तो कोई किताब ही लिख डालो। क्योंकि आपके मार्ग दर्शन के बिना जूता क्रांति दम तोड़ सकती है। हम नहीं चाहते कि पत्रकार द्वारा शुरू की गई क्रांति बे असर रहे। जरनैल सिंह जी थोड़ा लिखा ज्यादा समझना। उम्मीद है आप करोड़ों देशवासियों की उम्मीद नहीं टूटने देंगें। कीमती समय में से थोड़ा सा समय निकाल कर मार्गदर्शन जरुर करेंगें।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
8 comments:
जरनैल सिंह बेचारा पत्रकार यह सब न कर पाएगा। कोई और इस के लिए कोचिंग सेंटर खोल लेगा।
नारायण-नारायण्।
BADEE HEE SATVIKTA SE AAPNE PRASHN KIYE HAIN .LEKIN BAHUT DESHVASIYON KE PAS JOOTE HEE NAHEEN HAIN .VARNA NETAON KEE ACHCHEE SUDH LEE JATEE .MERE HISAB SE JOOTA 'NAV SATYAGRAH BAN SAKTA HAI.PURANE BEKAR JOOTE JYADA UPYUKT RAHENGE .KISEE BHEE SIZE VAJAN, JANANA MARDANA SAB CHALEGA .
बहुत अच्छा लिखा है आपने .बधाई
BHAI NARADMUNIJI, anand aagaya aapko padh kar, aapne mujhe ek bar phir meri janambhoomi sriganganagar ki yaad diladi, wish you all the best from my ganganagari heart
-albela khatri
www.albelakhatri.com
BHAI NARADMUNIJI, anand aagaya
wish you all the best from my ganganagari heart
-albela khatri
जनरैल सिंह को नोटिस लेने के लिए आपको भी थैंक्स।
नारद साहब, कभी इधर भी तशरीफ लाएँ।
----------
सम्मोहन के यंत्र
5000 सालों में दुनिया का अंत
नारद मुनि जी जरनैल जी से तो मुझे भी एक प्रश्न पूछना है.......
आखिर सभी के निशाने चूकते क्यों हैं, क्यों नहीं कभी सही निशाना लगता ?????? कल ही इस पर कविता अपने ब्लोग पर पोस्ट की ।
Post a Comment