Monday, April 20, 2009

नेता की औलाद है तू

--- चुटकी----

ना हिंदू बनेगा
ना तू
मुसलमान बनेगा,
नेता की औलाद है
तू नेता बनेगा।
ना जन की सुनेगा
ना गण की सुनेगा,
जिस से मिलेगा फायदा
तू उस मन की सुनेगा।

5 comments:

संगीता पुरी said...

ना जन की सुनेगा
ना गण की सुनेगा,
जिस से मिलेगा फायदा
तू उस मन की सुनेगा।
सटीक बात ...

VOICE OF MAINPURI said...
This comment has been removed by the author.
VOICE OF MAINPURI said...

khub likha hai..narad ji

Sundip Kumar Singh said...

क्या बात कही है आपने. सच कहा आज के ज़माने में नेतागिरी एक कौम बन गयी है जिसे किसी से कोई मतलब नहीं है और उसे केवल अपने फायदे से मतलब है.

Murari Pareek said...

ये कड़वा सत्य नारदजी के अलावा और नहीं कह सकता था, बहुत खूब