Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Sunday, May 1, 2011
फे
स टू फेस हर रोज
जो मिलते हैं हमसे
उनसे बात करने का
ना तो समय है ना मन,
फेसबूक पर अंजान
दोस्तों से घंटों मगर
बातें करते हैं हम।
1 comment:
राज भाटिय़ा
said...
सहमत है जी,
Sun May 01, 10:51:00 PM GMT+5:30
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सहमत है जी,
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