Tuesday, April 7, 2009

ये कैसी सरकार!

---- चुटकी-----

ना घर
ना कार,
ये कैसी
"सरकार"

4 comments:

श्यामल सुमन said...

शासन में रहकर बे-'कार'।
तब चलती है जो सरकार।
विज्ञापन के बाद जगह को,
हम कह जाते हैं अखबार।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

निर्मला कपिला said...

अभी कुवारा और है बेकार
दहेज मे आ जायेगी कार्
नरायण नारायण्

Anil Pusadkar said...

सारा देश इनका है और क्या चाहियें।आपकी पोस्ट पर दिये हुये मोबाईल नम्बर के चक्कर मे आपके बाल सखा विनोद सिंघल से बात हुई थी।आपकी बहुत तारीफ़ कर रहे थे।

परमजीत सिहँ बाली said...

सही लिखा।बढिया!