शासन में रहकर बे-'कार'। तब चलती है जो सरकार। विज्ञापन के बाद जगह को, हम कह जाते हैं अखबार।।
सादर श्यामल सुमन 09955373288 मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं। कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।। www.manoramsuman.blogspot.com shyamalsuman@gmail.com
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शासन में रहकर बे-'कार'।
तब चलती है जो सरकार।
विज्ञापन के बाद जगह को,
हम कह जाते हैं अखबार।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
अभी कुवारा और है बेकार
दहेज मे आ जायेगी कार्
नरायण नारायण्
सारा देश इनका है और क्या चाहियें।आपकी पोस्ट पर दिये हुये मोबाईल नम्बर के चक्कर मे आपके बाल सखा विनोद सिंघल से बात हुई थी।आपकी बहुत तारीफ़ कर रहे थे।
सही लिखा।बढिया!
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