Thursday, May 6, 2010

जीवन का सार

---- चुटकी----

सर्दी
प्रचंड गर्मी
आंधी
फिर
बरखा बहार,
मानो ना मानो
यही है
हमारे
जीवन का सार।

5 comments:

Udan Tashtari said...

सत्य वचन!!


नारायण नारायण!!

श्यामल सुमन said...

छोटे शब्द भाव का भार
खूब लिखा जीवन का सार

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

Anonymous said...

ऐसे ही लिखिए बारम्बार !!!!!!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बेहतरीन सन्देश नारद जी !

गर्मी, सर्दी, आंधी बरसात
ये सब है कुदरत के रचे,
अब झेलना तो पडेगा ही
आखिर किस-किस से बचे !

Satya Vyas said...

JEEWAN AMRIT PILA DIYA AAPNE. NARAYAN NARAYAN