आज बस दिवाली की शुभकामना ही देना और लेना चाहता था। मगर क्या करूँ,पड़ौस में रहता हूँ इसलिए पड़ौसी पाकिस्तान याद आ गया। पाकिस्तान याद आया तो तालिबान को भी याद करना मज़बूरी थी। जब दोनों साथ हो तो न्यूज़ चैनल्स वाले आधे घंटे की स्पेशल रिपोर्ट दिखाते हैं। हमारी इतनी समझ कहाँ! हम केवल चुटकी बजायेंगे।
---- चुटकी----
बेचारे तालिबान का
इसमे क्या कसूर,
जिसने जो बोया
वह,वही काटेगा
यही तो है
प्रकृति का दस्तूर।
6 comments:
बढ़िया...दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
सही लिखा।
शुभ दीपावली।
दीपावली पर्व की कोटि कोटि बधाईयाँ और सुभ कामनाएं ।
बेबाकी तथा साफगोई का बयान
kya bat hain ......bahut pasand aayi ye chutki.....
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