Saturday, August 16, 2008

डॉक्टर क्या करे

अक्सर ऐसा होता है कि इलाज़ के बावजूद बीमार आदमी मर जाता है। ऐसे में कई बार डॉक्टर की शामत आ जाती है। दो दिन पहले की बात है। कुछ लोग एक डॉक्टर के खिलाफ हो गए। खिलाफ होने वालो में एक दो नेता भी थे। उन लोगो ने डॉक्टर के बॉस को अपने यहाँ बुलाया और यह फरमान जारी कर दिया कि वह डॉक्टर सिटी में नही रहना चाहिए। अब डॉक्टर कि हालत एक बार तो ख़राब हो चुकी है। वह करे तो क्या करे। उसने अपनी बात अपने साथी डॉक्टर को बताई। नारदमुनी को पता चला है कि अगर इन लीडर्स ने डॉक्टर को देश निकला दिया तो सिटी के कई बड़े डॉक्टर फरमान जरी करने वाले लीडर्स के घरो के सामने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताएंगे। हो सकता है डॉक्टर इन लीडर्स और इनके परिवारवालों का इलाज़ न करने का फरमान जरी कर नहले पर दहला मारे। अगर ऐसा होता है तो मामला गंभीर होने में समय नही लगेगा। वैसे भी आजकल डॉक्टर पहले की तुलना में बहुत अधिक सचेत हो चुके है। वे रात को गंभीर रोगी को देखने से परहेज करने लगे है। ऐसा तो बात बिगड़ जाए तो फ़िर नेतागिरी चमकाने वाले बहुत आ जाते है। ऐसा तो होता ही रहता है।

3 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

yah to bahut buri bat h is samaj ke liye. agar abhi iska koi samadhan nahi kiya gaya to ye leader kisi ko bhi nagar nikala dene ka farman jari kar denge.

mohan lal jaipur

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

yah bahas ka mudda h koan galat h kouan sahi yah nirnay karne wale narad or hum koan hote h.

deenu

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

yah bahas ka mudda h koan galat h kouan sahi yah nirnay karne wale narad or hum koan hote h.

deenu