बूढ़े नेताओं के भरोसे जिला श्रीगंगानगर की राजनीति
श्रीगंगानगर-देश बेशक युवाओं का हो लेकिन इस जिले के
नेता बुजुर्ग हैं। केवल दो चार नेताओं को छोड़ कर सभी इसी श्रेणी के हैं। बात केवल विधानसभा
का चुनाव लड़ने वालों की है। सबसे बुजुर्ग नेता
सादुलशहर से चुनाव लड़ने वाले सीपीएम के हेतराम बेनीवाल की है। वे 81 साल के होने को
हैं। उम्र में सबसे छोटे नेता भी इसी पार्टी के पवन दुग्गल हैं। 37 साल के लगभग दुग्गल
अनूपगढ़ से विधायक हैं। बीजेपी विधायक राधेश्याम गंगानगर 75 साल के होने वाले हैं। पिछली
बार के चुनाव में उनकी उम्र 70 साल की थी। इसी प्रकार कांग्रेस के राजकुमार गौड़ चुनाव
तक 65 साल के हो जाएंगे। कांग्रेस विधायक संतोष सहारण 72 के और उनके विरोधी पार्टी
के गुरजंट सिंह बराड़ उनसे एक साल बड़े 73 के हो जायेंगे चुनाव तक। निदलीय विधायक और
मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर की उम्र 65 साल होने वाली है। बीजेपी के सुरेन्द्र पाल सिंह
टीटी की उम्र 61,कांग्रेस के जगतार सिंह कंग की 68 और
हंस राज पुनिया की 60 साल इस साल के अंत तक हो जाएगी। कांग्रेस विधायक गंगाजल मील भी
कम बुजुर्ग नहीं है। वे 71 साल के होने वाले हैं। बीजेपी के राजेन्द्र भादू 60 और राम
प्रताप कासनिया 59 साल के होने वाले हैं। कांग्रेस विधायक दौलत राज की उम्र 46 और बीजेपी
के निहाल चंद की उम्र 42 साल इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक हो चुकी होगी। कांग्रेस
जिला अध्यक्ष और अनूपगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ चुके कुलदीप इंदौरा 44 साल के निकट है।
कांग्रेस राहुल गांधी को आगे कर युवाओं को आकर्षित करना चाहती है। लेकिन ये नहीं पता
कि वे अपने इतनी बड़ी उम्र के नेताओं को कहां फिट कर युवाओं को आगे बढ़ने का मौका देगी।
यही स्थिति बीजेपी की है। नरेंद्र मोदी की निगाह युवा मतदाताओं पर है। किन्तु जिले
में उम्मीदवार अधिकतर बुजुर्ग ही होने वाले हैं।
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