श्रीगंगानगर-इन्कम टैक्स के ज्वाइंट कमिश्नर एन आर कपूर एक अदद सरकारी मोबाइल फोन का इंतजार कर रहे हैं। सच्ची बात है। यह रिपोर्टर उनसे मिला था। उनको फोन ना अटेण्ड करने का उलाहना देते हुए कोई ऐसा फोन नंबर देने का अनुरोध किया जो अटेण्ड होता हो। इस पर कपूर साहब ने बड़ी दिलचस्प बात कही.....मेरे पास सरकारी फोन है नहीं। जो फोन है वह मेरा निजी है। सिम हिमाचल प्रदेश की है। बात करने से रोमिंग लगती है। इसलिए मैं अटेण्ड नहीं करता। श्री कपूर कहना था कि लंबे समय से सरकारी फोन के प्रयास कर रहा हूँ लेकिन आज तक नहीं मिला। इसलिए कोई संपर्क करना चाहे तो ऑफिस का लैंडलाइन फोन है। श्री कपूर ने यह बात बड़ी सहजता और सरलता से कही। किन्तु कितनी हैरानी की बात है कि इन्कम टैक्स विभाग के इतने बड़े अधिकारी के पास एक सरकारी मोबाइल फोन तक नहीं है। उनके पास बैठे अधिकारी ने बताया कि मोबाइल फोन जयपुर ऑफिस देता है। जयपुर ऑफिस को कई बार लिखा जा चुका है लेकिन आज तक फोन नहीं उपलब्ध हुआ। ज्ञात रहे कि विभाग के अधिकारियों के पास एक ही सीरीज वाले मोबाइल फोन नंबर हैं। यह भी विडम्बना ही है कि श्री कपूर के कार्यकाल में विभाग को बहुत खूब राजस्व मिला है। एक से एक बड़े सर्वे हुए हैं। जिनसे करोड़ों रुपए का राजस्व विभाग को मिला। टार्गेट पूरे हुए। इसके बावजूद ज्वाइंट कमिश्नर को सरकारी मोबाइल फोन नहीं मिला। वैसे कुछ दिन पहले विभाग ने वकीलों को ऑफिस में लंच दिया था। टार्गेट पूरे होने के उपलक्ष में।[14.4.13]
Sunday, April 14, 2013
ज्वाइंट कमिश्नर को नहीं मिला सरकारी मोबाइल फोन
श्रीगंगानगर-इन्कम टैक्स के ज्वाइंट कमिश्नर एन आर कपूर एक अदद सरकारी मोबाइल फोन का इंतजार कर रहे हैं। सच्ची बात है। यह रिपोर्टर उनसे मिला था। उनको फोन ना अटेण्ड करने का उलाहना देते हुए कोई ऐसा फोन नंबर देने का अनुरोध किया जो अटेण्ड होता हो। इस पर कपूर साहब ने बड़ी दिलचस्प बात कही.....मेरे पास सरकारी फोन है नहीं। जो फोन है वह मेरा निजी है। सिम हिमाचल प्रदेश की है। बात करने से रोमिंग लगती है। इसलिए मैं अटेण्ड नहीं करता। श्री कपूर कहना था कि लंबे समय से सरकारी फोन के प्रयास कर रहा हूँ लेकिन आज तक नहीं मिला। इसलिए कोई संपर्क करना चाहे तो ऑफिस का लैंडलाइन फोन है। श्री कपूर ने यह बात बड़ी सहजता और सरलता से कही। किन्तु कितनी हैरानी की बात है कि इन्कम टैक्स विभाग के इतने बड़े अधिकारी के पास एक सरकारी मोबाइल फोन तक नहीं है। उनके पास बैठे अधिकारी ने बताया कि मोबाइल फोन जयपुर ऑफिस देता है। जयपुर ऑफिस को कई बार लिखा जा चुका है लेकिन आज तक फोन नहीं उपलब्ध हुआ। ज्ञात रहे कि विभाग के अधिकारियों के पास एक ही सीरीज वाले मोबाइल फोन नंबर हैं। यह भी विडम्बना ही है कि श्री कपूर के कार्यकाल में विभाग को बहुत खूब राजस्व मिला है। एक से एक बड़े सर्वे हुए हैं। जिनसे करोड़ों रुपए का राजस्व विभाग को मिला। टार्गेट पूरे हुए। इसके बावजूद ज्वाइंट कमिश्नर को सरकारी मोबाइल फोन नहीं मिला। वैसे कुछ दिन पहले विभाग ने वकीलों को ऑफिस में लंच दिया था। टार्गेट पूरे होने के उपलक्ष में।[14.4.13]
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