Saturday, September 19, 2009

मां के नाम नारदमुनि का पैगाम


शक्ति की देवी के चरणों में नारदमुनि का प्रणाम। आपके आने से सब मंगल ही होगा,ऐसा हमें विश्वास है। आप तो माता हैं इसलिए आप से मांगने का अधिकार सब को है। हे मां, जो भी आपे द्वार पर आए आप उन सब की झोली भरें। चाहे वह पूत हो या कपूत। पूत तो कपूत हो सकता है पर माता नहीं कुमाता। अब असली बात पर आता हूँ मां।
कलयुग के इस दौर में आप ऐसी माताओं को थोड़ा समझाना जो अपने गर्भ में ही अपनी कन्या से छुटकारा पाने की कामना रखती हैं। उनसे कहना कि अगर बेटियों को मारोगे तो बहु कहाँ से लाओगे। ऐसी महिलाओं को भी सदबुद्धि देना जो कन्या को चलती ट्रेन से बहार फेंक देते हैं किसी कचरे की तरह। ऐसी माताओं के दिलों में ममता जगाना जो अपनी लाडली को पैदा होते ही किसी सड़क के किनारे या कचरे के डिब्बे में छोड़ जाती हैं।
मां, आप तप सब कुछ कर सकती हैं। इस बार ऐसा कुछ जरुर करना जिस से महिलाएं अपनी लड़कियों को ना "मारें"। उम्मीद हैं आप नारदमुनि की यह कामना अवश्य पूरी करेंगीं। सच में तो यह पूरे देश की ही कामना है।

4 comments:

Asha Joglekar said...

सही कहा आपने मा दुर्गा ऐसी माँओं को सद् बुध्दी दें।

Mishra Pankaj said...

आपका पैगाम माँ तक पहुचे यही कामना .
नवरात्री की शुभकामनाये

हेमन्त कुमार said...

आप को भी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।

चाहत said...

माँ अपने बच्चों को कभी नीरास नहीं करती आपकी इच्छा ज़रुर पुरी होगी