यह ख़बर बड़े दुःख और शोक के साथ पढ़ी जाए कि नारदमुनि [ गोविन्द गोयल] अब इस दुनिया में नही रहे। उनको दो दिन पहले दिल का जबरदस्त दौरा पड़ा था। उसके बाद उनको आईसीयू में रखा गया । जहाँ रात को उनका निधन हो गया। उनका अन्तिम संस्कार आज दोपहर बाद पाँच किया जाएगा।
आप मुझे नहीं जानते। मैं नारदमुनि का दोस्त हूँ। उन्होंने खास तौर से मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी थी। ताकि सभी को पता लग जाए कि नारदमुनि इस लोक की यात्रा पूरी करके चले गए।
आप कोई शोक संदेश देना चाहते हो तो ०९८४५०२२६६३ , ०९४१४२२०६६६ ,०९४१४५८०७८७,
आओ उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
15 comments:
मैं इतना दुखीं हूँ की मेरी उंगलिया की बोर्ड पर नहीं चल पा रही है .ब्लॉग जगत के शुभचिंतकों में से किसी का यूँ ही चला जाना एक अपूरणीय क्षति है , अब नारायण -नारायण के बोल नहीं सुनाई देंगे .इश्वर उनके परिवार को शक्ति दे की इस चुनौती का सामना कर सकें .मैं फोन नंबर पर संपर्क कर रहा हूँ बात नहीं हो पा रही है ,यदि बात हुई तो इस दुःख की बेला में उनके यहाँ जरूर जाना चाहता हूँ क्योंकि यही हमारी परम्परा है और यही मानव धर्मं भी .
कैसे दोस्त हो तुम भी भाई, दो दिन बाद याद आया ? बर्फ की सिल्लियाँ तो बहुत खर्च हो गयी होंगी... और हाँ, ब्लॉग का पास वर्ड भी दे गए थे नारदमुनी जी...? मैं तो किसी को भी नहीं बताता.. अगर मुझे भी किसी ने ठीक ऐसे ही मार दिया तो ?
यदि ये खबर सत्य है तो निश्चय ही बड़े दुःख की बात है परन्तु यदि ये पहजी अप्रैल को मजाक है तो वाकई नितांत शर्मिन्दगी भरा है। संस्कृति हमें इस तरह के मजाक करने की आज्ञा नहीं देती, संस्कृति ही क्या मानवता भी नहीं देती। मजो के नाम पर इससे बचा जाये।
प्रथम दृष्टया खबर चैंकाने वाली और दुःखी करने वाली है।
अप्रैल फूल ha ha ha ha
regards
साफ तौर पर अप्रैल फूल है ... लेकिन सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ऐसी बातें नहीं लिखी जानी चाहिए।
नारायण नारायण्।
लगता है कि ये पोस्ट् बैकुंठ लोक मे बैठ कर लिखी जा रही है.......नारायण, नारायण...
भाई इस तरह के मजाक अब नहीं होने चाहिएं क्योंकि इंसान को कोई पता नहीं कितनी जिंदगी ऊपर वाले ने उसे लिखकर भेजा है अगर हम ऐसा भददा मजाक करते हैं चाहे वो अपने लिए चाहे किसी और के लिए बेहद ही दुख का विषय है। क्योंकि इसमें आज हम अगर ऐसा लिख रहे हैं भगवान न करे कल या कभी इसी तरह से किसी के साथ कोई हादसा हो जाए तो अच्छा नहीं लगता क्योंकि विश्वास ही नहीं होगा
कुछ साल पहलों की बात आज भी मुझे याद है कि फर्स्ट अप्रेल के दिन अगर कहीं पर आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड वाले झूठ व मजाक समझ कर जाते ही नहीं हैं और बाद में असलियत का जब पता चलता है तो काफी दुख होता है इसलिए हमें ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए
नारद मुनि ऐसे कहाँ जाने वाले हैं...गए होंगे किसी ब्लोगिये के ब्लॉग पे टिपियाने और नारायण नारायण करने...आजायेंगे वापस...आप झूठी अफवाहें फैला कर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ न करें...
नीरज
सचमुच पहली बार देखा, तो कलेजा धक् से रह गया...
पर जैसे जैसे टिप्पणियों में नीचे बढ़ता गया सांस थोड़ी नियंत्रित हुई.
धड़कन अभी भी तेज है
कृपया मेरे जैसे कमजोर दिल वालों के साथ ऐसा मजाक न करें
वरना कहीं यह खबर मेरे ब्लॉग पर पढने को न मिल जाए.
नारद जी झूठ ही बोलते थे। और लोगों को भ्रम में डालते रहते थे। अब इस युग के नारद भी--------- नारायण---नारायण ।
गोविंद जी,
भगवान आपको दीर्घायु करे। इस तरह का मजाक तो मजाक में भी अच्छा नहीं लगता।
हौसला अफ़जाई के लिए दिल से शुक्रिया. ये नयी post देखियेगा, बात सच्ची और अच्छी लगे तो आवाज़ में आवाज़ मिलाइयेगा..
http://shubhammangla.blogspot.com/2009/04/breaking-news.html
Its very bad Narad ji... its not fair... we r all wish to God 4 yr long nd healthy life... plz plz dont repet such a topic.. after all u r a sincear journalist... nd allways remember we r all love u very very much.. dont do again, dont write again,
नारायण नारायण,
इस तरह का मजाक तो मजाक में भी अच्छा नहीं लगता। साफ तौर पर अप्रैल फूल है लेकिन सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ऐसी बातें नहीं लिखी जानी चाहिए।आप झूठी अफवाहें फैला कर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ न करें...
Post a Comment