श्रीगंगानगर- गर्मी में तपती सड़क। नंगे
पांव। सिर पर दो-चार किलो वजन और कई किलोमीटर का सफर। पांव में छाले तो होने ही
थे। ऐसा ही हुआ अनेक महिलाओं के साथ। वह भी महिला दिवस
पर। ये सब शिवरात्री के उपलक्ष
में आयोजित शोभायात्रा में शामिल थीं। यह शोभायात्रा नहर किनारे के शिव मंदिर से
रवाना हुई। इसमें कई सौ महिलाएं [किशोरी,युवतियाँ,विवाहिता] सिर
पर कलश लेकर शामिल हुईं। शोभायात्रा बहुत ही विशाल और भब्य थी हर साल की तरह।
शोभायात्रा जब बाजार से होकर निकली तो चारों तरफ ट्रैफिक अस्त व्यस्त हो गया।
क्योंकि इसकी लंबाई इतनी थी कि कई सड़कों पर आवाजाही लगभग रुक सी गई। सड़क क्रॉस
करने के लिए महिलाओं के बीच में से जाना उचित नहीं होता। इसलिए लोग यात्रा के गुजर
जाने का इंतजार करते। किन्तु जब यात्रा का अंतिम छोर नहीं दिखता तो वे इधर उधर से
निकलते तो फिर किसी दूसरी सड़क पर वही हाल। ऐसी
ही स्थिति ब्लॉक एरिया में हुई। तब तक कई घंटे हो चुके थे महिलाओं को तपती सड़क प
र्नंगे पाँव चलते हुए। कहीं किसी पेड़ की छांव में खड़े होने की कोशिश कोई महिला
करती भी तो आयोजक उसे वापिस लाइन में ले आते। गरम सड़क पर नंगे पांव चलने के कारण
अनेकानेक महिलाओं के पांव में चाले हो गए। यह केवल कल्पना नहीं। आयोजक शोभायात्रा
में शामिल महिलाओं के पांव देखें तो उयांकों मालूम हो जाएगा कि कितनी महिलाओं के
पैरो में क्या हुआ। लेकिन शायद आयोजकों को इस्स एकोई मतलब नहीं था।
उधर प्रशासन को भी बड़ी बड़ी यात्रा का कोई रूट फिक्स करना चाहिए ताकि नगर के
बाज़ारों में ट्रैफिक व्यवस्था बनी रहे। लोगों को अधिक परेशानी का सामना ना करना
पड़े। हालांकि शोभायात्रा के दौरान पानी का पूरा प्रबंध था। इसके अलावा अनेक
स्थानों पर भी लोगों ने पानी का इंतजाम कर रखा था। इस इंतजाम के कारण सैकड़ों
प्लास्टिक के गिलास सड़कों पर बिखरे पड़े रहे।
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