Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Friday, February 25, 2011
बिना शीर्षक के
एक क्षण में
एक बार नहीं
कई बार
मोबाइल फोन
टटोलता हूँ, फिर
अपने आप से
बोलता हूँ
किसका आएगा
किसके पास जायेगा
फोन,
एक एक करके
सब तो चले गए
बात करने वाला
रहा है कौन?
सबके सामने है
अहम् की दीवार
अपना मौन
तोड़ेगा कौन!
1 comment:
राज भाटिय़ा
said...
बहुत ही कडबा सच.......
Fri Feb 25, 09:57:00 PM GMT+5:30
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1 comment:
बहुत ही कडबा सच.......
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