Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Sunday, February 27, 2011
मेरी जां सौ बहाने है
बेशक
,
शहर
की
चर्चाओं
में
तेरे
-
मेरे
सौ
अफसाने
हैं
,
पर
मिलने
के
भी
तो
मेरी
जां
सौ
बहाने
हैं
।
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