श्रीगंगानगर--बात नए कलेक्टर की। मुग्धा सिन्हा ने आते ही कहा कि उनका पग फेरा अच्छा रहेगा। एक पत्रकार ने पूछा था कि आपको श्रीगंगानगर में आते ही आग का सामना करना पड़ा। कैसा महसूस हुआ? तब मुग्धा जी ने उक्त लाइन कही। अपनी माता जी उदृत करते हुए मुग्धा जी ने कहा, रावण के पास सोने की लंका थी और राम के पास चौदह साल का बनवास। उनके मुस्कुराते चेहरे के भीतर जितना गहरा उनका व्यक्तित्व लगा यह वाक्य उस से कम गहराई वाला नहीं है। रावण आज हो तो भी अपने आप को रावण नहीं कहेगा। इसलिए मुग्धा जी जिस राम के बनवास की बात कर रहीं हैं वह निसंदेह वह उनके खुद के लिए है। इतिहास गवाह है कि बनवास चाहे राम ने काटा हो या पांडवों ने , हर बार पापियों,दुराचारियों ,समाज कंटकों का दलन ही हुआ। राम राज्य की स्थापना हुई। अगर मुग्धा जी की बात का संदर्भ यही है तो श्रीगंगानगर जिले के लिए इससे बढ़िया और क्या बात हो सकती है। बनवास यदि उनके व्यक्तिगत जीवन की किसी घटना से जुडाव रखता है तो बात जुदा है। ऐसे बनवास तो हर संजीदा,संवेदनशील आदमी की किताब में मिल जायेंगे। वह इसी अकेले ही काटता है।
दुर्गा मंदिर के निकट एक चौक। चार कौने पर चार पुलिस वाले। पुलिस जिप्सी। ट्रैफिक प्रभारी अमरजीत चावला को लेकर आती एक और जिप्सी। जिसे रिछपाल सिंह चला रहे थे। समय होगा सुबह नो बजे के आस पास का। वह समय जब सर्दियों में दिनचर्या शुरू होती है। पुलिस का इतना ताम झाम दूर से दिखा तो अन्दर कुछ खटका हुआ। अपने आप से पूछा,क्या हुआ? निकट जाकर देखा तो कोतवाली का एक एस आई गजेंदर सिंह जिप्सी के बोनट पर कोहनी टिकाये चालान काट रहा था। मतलब पुलिस मोहल्ले में लोगों को हेलमेट पहनाने के लिए जी जान लगाए हुए थी। जिस चौक पर पुलिस इतनी सुबह मुस्तैद थी वही पास ही में कुछ समय पहले बड़ी चोरी हुई थी। जिसके यहाँ चोरी हुई वह कोतवाली के कई चक्कर निकाल चुका। आज तक कुछ नहीं हुआ। पुलिस के पास जब्त कम है वरना हर घर के आगे एक सिपाही खड़ा होगा हाथ में चालान बुक लिए। बिना हेलमेट निकले और चालान हाथ में। वहां से आते समय एक घर के सामने मुखिया अपने बेटे को कह रहा था-हेलमेट लेकर निकलना। हर चौराहे पर पुलिस है। अन्दर से बेटे की आवाज आई--ए वी सवेरे सवेरेशुरू कर देंदे है। अभी तो कुछ भी नहीं। जान प्रतिनिधियों का आशीर्वाद ऐसे ही इन पर रहा तो कुछ और दृश्य देखने को मिलेंगे। पुलिस बीडी,सिगरेट बेचने वालों के यहाँ खड़ी होगी। डब्बी पर लिखा है,सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानि कारक है। पुलिस का यह फर्ज है कि वह आपके स्वास्थ्य की रक्षा करे। इसलिए जैसे ही आप सिगरेट पीने लगोगे आप पर आत्महत्या की कोशिश का मुकदमा हो जायेगा। इसी प्रकार के सीन शराब की दुकानों के सामने होंगे। शराब की बोतलों पर तो जहर लिखा होता है। जब पुलिस को आम आदमी के सर की इतनी फ़िक्र है कि वह सारा काम छोड़ कर सर पर हेलमेट रखवाने के काम में लगी है। तो वह किसी को जहर थोड़ी ना पीने देगी। आखिर पुलिस है। उसकी जिम्मेदारी है आपकी रक्षा करना। जान है तो जहाँ है। लगे रहो पुलिस जी।
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