आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
जो जनता चौटालों को चुनने पर उतारू हो उसका या तो भगवन ही मालिक है या फिर उनके सब्र की इन्तहा हो गयी लगती है.
राम-राम नारायण जी, यो चोट-आलो, भोजन लाल, खुड्डो सारा एक ही थैली का.........जनता धोरे कोई दुसरो विकल्प कोनी।,
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जो जनता चौटालों को चुनने पर उतारू हो उसका या तो भगवन ही मालिक है या फिर उनके सब्र की इन्तहा हो गयी लगती है.
राम-राम नारायण जी, यो चोट-आलो, भोजन लाल, खुड्डो सारा एक ही थैली का.........
जनता धोरे कोई दुसरो विकल्प कोनी।,
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