Thursday, October 15, 2009
छोटों का बड़ा काम
बड़े से बड़े लक्ष्य को पाने के लिए जो सबसे जरुरी है, वह है एक कदम आगे की ओर बढ़ाना। ऐसा ही कुछ किया है यहाँ के तेरापंथ किशोर मंडल ने। मंडल के युवकों ने घर -घर,स्कूल-स्कूल जाकर बड़ों,छोटों को पटाखे ना चलने हेतु प्रेरित किया। विद्यार्थियों को पटाखे ना चलने का संकल्प करवाया। उनसे शपथ पत्र भरवाए। मंडल ने सभी को पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। ऐसा नहीं है कि किशोर मंडल के इस अभियान से लोग पटाखे चलाना छोड़ देंगे। सम्भव है संकल्प करने वाले भी दिवाली के दिन अपने संकल्प को भूल जायें। हाँ, एक दो ने भी संकल्प की पूर्ति की तो यह किशोर मंडल के अभियान की सफलता की ओर पहला कदम होगा। मंजिल दूर है, रास्ता काफी कठिन है। मगर ये भी है कि आसान काम तो कमजोर लोग किया करते हैं। फ़िर जिसने चलाना शुरू कर दिया उसे मंजिल जरुर मिलती है। शर्त इतनी है कि वह रुके नहीं।
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6 comments:
पटाखों को चलाने से रोकने का बच्चो द्वारा किया गया,सराहनिय काम ।
Chote bachcho dwara yah pryas sarahniy hai..
बच्चे ही सभी को पटाखे जलाने से रोक रहें हैं। यह समझाइस वास्तव में बड़े काम की चीज है भैया छोटे हो या बड़े सभी इसको जरूर माने।
बहुत सुंदर बात
आप को ओर आप के परिवार को दिपावली की शुभकामानायें.
आप को ओर आप के परिवार को दिपावली की शुभकामानायें.
दिपावली की शुभकामानायें.
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