आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
सच है अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे है बहुत बढ़िया रचना है आभार
अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग,कोई सुना रहा बन्नी कोई गा रहा फाग। " hm to bus narayan narayan kr rhe jnaab ""regards"
आपका सहयोग चाहूँगा कि मेरे नये ब्लाग के बारे में आपके मित्र भी जाने,ब्लागिंग या अंतरजाल तकनीक से सम्बंधित कोई प्रश्न है अवश्य अवगत करायेंतकनीक दृष्टा/Tech Prevue
bahut sahi kaha hai aapne...
कोई डाले पानी !कोई लगाए आग !
लेकिन मुनि साहब हमे तो अपना सोचना चाहिये, हमारे यहा भी हालात बेहतर नही है, हमरे यहां तो हर कुर्सी पर चोर लुटेरे बेठे है.धन्यवाद
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6 comments:
सच है अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे है बहुत बढ़िया रचना है आभार
अपनी अपनी ढफली
अपना अपना राग,
कोई सुना रहा बन्नी
कोई गा रहा फाग।
" hm to bus narayan narayan kr rhe jnaab "
"regards"
आपका सहयोग चाहूँगा कि मेरे नये ब्लाग के बारे में आपके मित्र भी जाने,
ब्लागिंग या अंतरजाल तकनीक से सम्बंधित कोई प्रश्न है अवश्य अवगत करायें
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bahut sahi kaha hai aapne...
कोई डाले पानी !
कोई लगाए आग !
लेकिन मुनि साहब हमे तो अपना सोचना चाहिये, हमारे यहा भी हालात बेहतर नही है, हमरे यहां तो हर कुर्सी पर चोर लुटेरे बेठे है.
धन्यवाद
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