Thursday, January 1, 2009

एक और कलेंडर बदल दिया

नया साल क्या है? एक कलेंडर का बदलना ! इस के अलावा और क्या बदला? कुछ भी तो नहीं। वही पल हर पल है। हम और आप भी वही हैं उसी सोच के साथ। हमारे तुम्हारे सम्बन्ध भी वैसे ही रहेंगें जैसे रहते आए हैं। हमने एक कलेंडर के अलावा कुछ भी बदलने की कोशिश ही नहीं की। बस कलेंडर बदला और अपनों को दी नए साल की शुभकामनायें, उसके बाद बस वैसा ही सब कुछ जैसा एक दिन पहले था। इस प्रकार से ना जाने कितने ही साल आते गए जाते गए,परन्तु हम वहीँ हैं। केवल एक कलेंडर या गिनती बदलने से कोई नया पन नही आता। नया तो हमारे दिल और दिमाग में होना चाहिए। उसके बाद तो हर पल नया ही नया है। हर नए दिन की सुबह नई है शाम नई है।बाग़ के किसी फूल को देखोगे तो वह भी हर पल नया ही लगेगा। सुबह को नए अंदाज में निहारोगे तो वह कल से नई नजर आएगी। मगर अफ़सोस तो इस बात का है कि हम केवल कलेंडर बदल कर ही नया साल मानतें हैं। जबकि हम चाहें तो हमारा हर पल,हर क्षण नया ही नया हो सकता है। बस थोडी सोच नई करनी होगी। हर पल का यह सोचकर आनंद लेना होगा कि यह फ़िर कभी नहीं आने वाला। क्योंकि हर पल नया जो होगा। फ़िर एक दिन के बदलने की बजाय हम लोग हर पल बदलने की मस्ती अपने अन्दर अहसास कर सकेंगें। तो फ़िर देरी किस बात की है,३६५ दिन इंतजार क्यों करें,हर पल नया साल अपने अन्दर महसूस करें और सभी को कराएँ। एक बार करके तो देखें वरना ३६५ दिनों बाद कलेंडर तो बदलना ही है। आप सभी मुस्कुराते रहो,यही कामना है।

6 comments:

नीरज मुसाफ़िर said...

नारायण नारायण जी, नमस्कार.
अजी कैलेंडर तो हमने तभी बदल दिया था, जब दिवाली पर खरीदा था. नए साल पर तो कुछ भी नहीं बदला.

seema gupta said...

आप सभी मुस्कुराते रहो,यही कामना है।
" bhut sunder kamna hai aapki, aamin"

regards

Anonymous said...

नये साल में क्या धमाकेदार बात कही है. आपका हर पल आजीवन सुखमय हो. आभार.

Anonymous said...

सही बात है ३६५ दिन क्यों इंतजार करें, हरपल हँसते रहें मुस्कुराते रहें।

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

2009 का स्वागत अपनी आन्तरिक मुस्कान के साथ करे। कलैण्डर के पन्ने पलटने के साथ साथ हम अपने मन के पन्नो को भी पलटते जाये। प्रायःहमारी डायरी स्मृतियो से भरी हुई होति है। आपदेख कि आपके भविष्य के पन्ने बीती हुई घटनाओ से न भर जाये। बीते हुये समय से कुछ सिखे, कुछ भुले, और आगे बढे।
हे प्रभु यह तेरापथ के परिवार कि ओर से नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये।

कल जहॉ थे वहॉ से कुछ आगे बढे,
अतीत को ही नही भविष्य को भी पढे,
गढा हैहमारे धर्म गुरुओ ने सुनहरा इतिहास ,
आओ हम उससे आगे का इतिहास गढे

abhivyakti said...

achcha,aapka har pal naveen aur sunder ho ,yahi shubhkamna hai.
dr.jaya