Monday, September 28, 2015

पार्षद पति का परिचय


श्रीगंगानगर। सभापति के नेतृत्व मेँ बड़े साहब से मिलने गए पार्षद पतियों के सामने उस समय असमंजस की स्थिति हो गई जब उनको परिचय के लिए कहा गया। एक ने तो अपना परिचय पार्षद पति के रूप मेँ दिया। बाकी सभी अपने बारे मेँ यूं बता रहे थे, जैसे वे खुद पार्षद हों। लेकिन किसी ने नहीं टोका। टोकता कौन! साहब को पता नहीं, बाकी सब मेँ से अधिकांश तो उनके जैसे ही थे। असल मेँ साहब ने बिना परिचय हुए बात करने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि बात चीत के लिए परिचय जरूरी है।

अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी कमला बिशनोई को

श्रीगंगानगर। नगर परिषद आयुक्त की ओर से दर्ज करवाए गए मुकदमे के बाद संकट मेँ आई पार्षद कमला बिशनोई को अपनी इलड़ाई खुद ही लदनी होगी। बेशक उनके समर्थन मेँ संघर्ष समिति का गठन हो चुका है। संयुक्त व्यापार मण्डल सहित कई संगठनों का उनको समर्थन है। लेकिन कोई भी इस मुद्दे को इस प्रकार से नहीं उठा पा रहा, जिससे पार्षद को राहत मिल सके। क्योंकि अधिकांश का यही मानना है कि इस मामले मेँ करने को कुछ अधिक है नहीं। जिन संगठनों के दम पर संघर्ष समिति बनी है, उन संगठन के पदाधिकारी नेतृत्व करने को तैयार नहीं। अधिकांश पार्षद भी इस मुद्दे पर चुप हैं। उनकी ओर से ऐसा कुछ नहीं हो रहा, जिससे ये आभास होता ही कि प्रशासन पर किसी का कोई दवाब है। अब चूंकि बड़े साहब ने पंचायती करने से इंकार कर दिया, इसलिए मंगलवार को धरना शुरू किया जाएगा। जैसे कि पहले घोषणा की जा चुकी है। धरने पर खुद कमला बिशनोई को बैठना होगा। उनके समर्थन मेँ कोई बैठेगा तो बैठेगा। सूत्र कहते हैं कि कमला बिशनोई को इस मुद्दे पर जन समर्थन मिलना मुश्किल है। आज कोई पार्षद इस सवाल क अजवाब नहीं दे सका कि आखिर ऐसा कौनसा जनहित का काम था, जिसके लिए पार्षद कि आधी रात तक नगर परिषद मेँ आयुक्त ऑफिस मेँ रुकना पड़ा। 

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