Tuesday, March 1, 2011

गाली देना नहीं सिखाया जाता पुलिस को



श्रीगंगानगर-- पुलिस कर्मियों द्वारा किसी को गाली देना एक आम बात है। समाज में भी यही कहते सुना जाता है कि पुलिस वालों को ट्रेनिंग के समय गाली निकालना भी सिखाया जाता है। लेकिन यह सच नहीं है। राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक [ प्रशिक्षण] सुधीर प्रताप सिंह ने आज प्रेस को बताया कि ट्रेनिंग में गाली देना नहीं सिखाया जाता। एक मीडिया ने उनसे इस बारे में प्रश्न किया था। वे श्रीगंगानगर में जिला पुलिस का वार्षिक निरीक्षण करने के लिए यहाँ आये हुए हैं। श्री सिंह ने बताया ट्रेनिंग में वह सब कुछ शामिल किया जा रहा है जिसकी बदलते हालातों में जरुरत है। उनके अनुसार आर्थिक अपराधों की बढती संख्या तो देखते हुए पुलिस को भी इसी के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। पुलिस के प्रति अविश्वास के संदर्भ में श्री सिंह ने कहा कि पुलिस का आचरण बढ़िया हो तो अविश्वास नहीं हो सकता। पुलिस को विनम्र रह कर मजबूती से काम करना चाहिए। कानून में वे समस्त प्रावधान है जिसके सहारे वह हर प्रकार के अपराधी से मुकाबला कर सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस दिखनी चाहिए। जब तक पुलिस समाज में नजर नहीं आएगी तब तक उस पर आम आदमी का विश्वास नहीं जमेगा। सुधीर प्रताप सिंह दो दशक पहले श्रीगंगानगर के एस पी रहे थे। तब उन्होंने अपने काम,आचरण और सामाजिक सरोकार की वजह से बहुत ख्याति पाई थी। लोग आज भी यह कहते हुए सुने जा सकतेहैं कि एस पी तो सुधीर प्रताप सिंह था। तब उन्होंने नशे के आदी लोगों का नशा छुडवाने के लिए कई शिविर लगवाये थे। इसके लिए उन्होंने जोधपुर की माणकलाव संस्था का साथ लिया था। पुलिस की देख रेख में लगे इन शिविरों में जो लोग नशा छोड़ देते थे उनपर सम्बंधित थाना के लोग निगरानी भी रखते। ताकि वह फिर से नशा न करने लगे। हालाँकि श्री सिंह के जाने के बाद शिविर तो लगे। मगर अब यह परम्परा लगभग समाप्त ही हो गई है।
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