Sunday, May 9, 2010

माँ सा कोई नहीं


माँ! क्या है माँ? कौन होती है माँ? कैसी होती है माँ? इन प्रश्नों के उतर हर किसी ने अपनी समझ से दिए है। कोई कहता है कि माँ एक सीप है जो अपनी संतान के लाखो रहस्य सीने में छुपा लेती है। माँ ममता की अनमोल दास्ताँ है। जो हर दिल पर अंकित है। भगवान कहता है कि माँ मेरी ओर से मूल्यवान और दुर्लभ उपहार है। इसके कदमो में स्वर्ग है। मै भी इसके आगे नत मस्तक हूँ । हर संतान को माँ की ममता नसीब है।
माँ वो है जिसने नो माह गर्भ में रखकर हमे मानव का रूप दिया। जिसने पंचतत्व से बने शरीर में जान डाली। जिसने दूध पिलाकर हमे बड़ा किया है। हमारी हर गलती पर हमे समझाया है। हमने चाहे उसे दुःख दिया पर उसने हमे हमेशा सुख दिया। हमारे दुखो को उसने अपनी खातिर मांग लिया। वो हमारी प्रथम गुरु बनी। हमे बोलना सिखाया। हमे संस्कार दिए, संसार में जीने लायक बनाया। कहानी, लोरी सुनकर हमे ज्ञान दिया। माँ की महिमा को हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते। उसने हमे इतने उपहार दिए जिसकी गिनती मुश्किल है। हमे व्यंजन देकर खुद रुखा सुखा खाया।
जिस व्यक्ति को जीवन में माँ का प्यार मिले आशीर्वाद मिले वो किस्मत वाले होते है। माँ के बारे में लिखे तो शब्द कम पद जाते है। कितना भी लिख ले लगता है कि अभी तो कुछ लिखा ही नहीं। उसकी सहनशीलता, ममता , प्यार, दुलार, दया, तपस्या, अनुराग, वात्सल्य, स्नेह, संस्कार, के बारे में तो हम लिख ही नहीं पाए। शायद कभी लिख भी नहीं पाएंगे। क्योंकि इन शब्दों को न तो परिभाषित किया जा सकता है और न ही इनका वर्णन किया जा सकता है। माँ से जुड़े ये सारे शब्द माँ के बारे में सिर्फ एक ही बिंदु बता पते है। माँ शब्द फिर भी अनसुलझा रह जाता है। जिस शब्द की व्याख्या भगवान भी न कर सका, उस शब्द की व्याख्या करने की कोशिश हमे बेकार मालूम पड़ती है। हम तो सिर्फ उस माँ के चरणों में शत शत प्रणाम करते है। हम उसे कुछ और तो डे नहीं सकते सिर्फ मदर्स डे के रूप में अपने साल का एक दिन उसे जरुर डे सकते है। अपनी कृतज्ञता माँ को प्रकट कर सकते है। मदर्स डे पर माँ को हमारा कोटि कोटि प्रणाम। अभी भी एसा लग रहा है मानो कुछ लिखा ही नहीं। माँ के बारे में लिखने के लिए शब्द ही नहीं। असंख्य शब्दों का ज्ञाता भी माँ के बारे में लिखते समय शब्द विहीन सा हो जाता है। अंत में सिर्फ इतना ही-जिंदगी में खुशिया भर देती है माँ , हमारे ख्वाबो को हकीकत बनाती है माँ, बेनूर जिंदगी को महकाती है माँ, पथरीले पथ पर चलना सिखाती है माँ।
मेरे ताऊ जी हॉस्पिटल में हैं। इस कारण पापा व्यस्त हैं। uनके व्यस्त होने के कारण आज मुझे इस पोस्ट लिखने का मौका मिला। गलतियाँ होंगी ही।क्योंकि इस से पहले मैंने ब्लॉग पर कभी पोस्ट लिखी ही नहीं। इसलिए क्षमा चाहती हूँ। मै स्वाति, गोविंद गोयल की छोटी बेटी हूँ ।

8 comments:

एक बेहद साधारण पाठक said...

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

आदेश कुमार पंकज said...

बहुत सुंदर
मातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम |

राजन अग्रवाल said...

maa ki mahima aparmpar hai, chahe meri aapki janni ho, ya jagatjanni

Unknown said...

मां का साया वो साया है जो हर परेसानी को पल भर में मिटा देता है

अजय कुमार said...

संसार की समस्त माताओं को नमन

लोकेन्द्र सिंह said...

narayan narayan........

Anonymous said...

मातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम |

Pawan Kumar Sharma said...

bahut khub