Wednesday, April 21, 2010

सजे हैं धर्मों के बाजार

--- चुटकी----

कदम कदम पर
सजे हुए हैं
धर्मों के बाजार,
जिसकी जितनी
ऊँची बिल्डिंग
वहां
उतनी बड़ी कतार।

5 comments:

Udan Tashtari said...

बिल्कुल सही कहा!!

नारायण..नारायण!!

विनोद कुमार पांडेय said...

ऐसा ही हो रहा है....सत्य वचन.... नारदमुनि जी

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

नारायण जी-राम राम

चोखी बात कही।
आभार

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर ओर सही बात कही

डॉ. मनोज मिश्र said...

बिल्कुल सही ..

नारायण-नारायण!