Friday, January 8, 2010

ये सच है या आँखों में कोई खोट

झूठ,फरेब,लूट,खसोट
बेईमानी,भ्रष्टाचार
गन्दी राजनीति
आतंकवाद और
उस पर
महंगाई की चोट,
ये सच है
या है मेरी
आँखों में कोई खोट।

3 comments:

निर्मला कपिला said...

नारायण नारायण आपकी आँखों मे कोई खोट नहीं हो सकता सब सही है शुभकामनायें

डॉ. मनोज मिश्र said...

ये सच है .

अंकित कुमार पाण्डेय said...

sach hai
kadwa hai parantu sach hai

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