जिस लड़की पर २२-२३ जून की रात को तेजाब डाला गया था उसकी मौत हो गई। उसका जयपुर में इलाज चल रहा था। इस मामले में पुलिस ने एक लड़के को तो पकड़ लिया। अभी कई जनों की गिरफ्तारी और हो सकती है। वैसे तो यह कहानी पूरी फिल्मी है, जो भारत-पाक सीमा पर बसे श्रीकरनपुर कस्बे से आरम्भ होती है। लेकिन चूँकि अब इसका एक मुख्य किरदार ही नहीं रहा तो कुछ भी लिखना ठीक नहीं है। हमारी संस्कृति तो दुश्मन के मृत शरीर को भी आदर मान देने की है। इसलिए किसी के जाने के बाद कुछ कहना अच्छा नहीं।
7 comments:
सम्वेदनाहीन और मृत सोच वालों के बारे में क्या कहा जाये
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मिलिए अखरोट खाने वाले डायनासोर से
हमारी संस्कृति तो दुश्मन के मृत शरीर को भी आदर मान देने की है।बात आप की उचित है, लेकिन अगर इस खबर से अन्य लोगो को सबक मिले , या उस लडकी के साथ यह सब क्यो हुआ ?उस बात का पता चले तो जरुर लिखना चाहिये, यह तो आप एक तरह से मनाव सेवा करेगे, अगर सच लिखेगे तो.
धन्यवाद
bhut hee dukhd.
नारद मुनि जी,
आपको हमारी कविता अच्छी लगी . कविता भावनाओं की भाषा है .
तेजाब से जली लड़की की मौत से जी दहल गया . मेरी भी दो बेटियाँ हैं . सोचकर दिल घबराता है, नारी का सम्मान घटता जा रहा है .
[राकेश 'सोऽहं,']
नारद मुनि जी,
आपको हमारी कविता अच्छी लगी . कविता भावनाओं की भाषा है . तेजाब से जली लड़की की मौत से जी दहल गया . मेरी भी दो बेटियाँ हैं . सोचकर दिल घबराता है, नारी का सम्मान घटता जा रहा है .
[राकेश 'सोऽहं,']
नारद मुनि जी,
आपको हमारी कविता अच्छी लगी . कविता भावनाओं की भाषा है . तेजाब से जली लड़की की मौत से जी दहल गया . मेरी भी दो बेटियाँ हैं . सोचकर दिल घबराता है, नारी का सम्मान घटता जा रहा है .
[राकेश 'सोऽहं,']
bahut bura hua
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