श्रीगंगानगर-सरकारी
मेडिकल कॉलेज! चुनावी साल में एक बहुत बड़ा मुद्दा। प्रदेश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों
कांग्रेस और बीजेपी के लिए। साथ में बी डी अग्रवाल के लिए। जनता की भावना जुड़ी है
इस मुद्दे से। यह चुनावी राजनीति को प्रभावित भी कर सकता है। तो जो मुद्दा चुनाव
को प्रभावित कर सकता है वह सरकार के लिए कितना
महत्वपूर्ण होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। ऐसे में सब कुछ चुटकियों
में होने वाला नहीं है। राजनीतिक सौदे बाजी होगी। इस हाथ दे और उस हाथ ले। किसी ने कौनसा जेब से
कुछ देना है। बुजुर्ग कहते हैं बिना
रोए तो माँ भी बच्चे को दूध नहीं पिलाती। ये तो सरकार है। जिसका जनता से कोई
भावनात्मक लगाव होता ही नहीं। जनता केवल वोट बैंक है। हर एक बात राजनीतिक नफा-नुकसान
की तराजू पर तोली जाती है। उसको क्या जरूरत है वह श्रीगंगानगर में
मेडिकल कॉलेज खोलने की। कॉलेज खोले सरकार। जय घोष हो बी डी अग्रवाल का। फूलमाला बी
डी के गले की शोभा बने। बी डी फिर ललकारे मारे सरकार को। विधायक चुना जाए
राधेश्याम गंगानगर। जब जय जय बी डी अग्रवाल की होनी है। जनता ने विधायक राधेश्याम
को चुनना है। कांग्रेस को जिले से चलता करना है तो फिर सरकार भी तो उसी नजरिए से
देखेगी सब कुछ। सरकारी मेडिकल कॉलेज किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी बात हो सकती है। यह ना
केवल बड़ी बल्कि गौरव शाली और विकास के नए आयाम स्थापित करने वाली बात है इसके साथ
साथ क्षेत्र के आन –बान और शान
की भी बात है। जब कोई सरकार ऐसा प्रोजेक्ट देती है तो उम्मीद भी करती है। सरकार की
अपनी तो कोई उम्मीद होती ही नहीं। हां,उस पार्टी की उम्मीद जरूर होती है जिसकी सरकार हो। पार्टी की उम्मीद यही
कि चुनाव में जनता उसके उम्मीदवारों को भरपूर समर्थन दे। वर्तमान में तो ऐसा लगता
नहीं कि मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा करने के बाद जनता कांग्रेस के पक्ष में
लामबंद हो जाएगी। इसका श्रेय तो किसी ओर की झोली में जाएगा। जब किसी ओर की झोली ही
भरनी है तो फिर सीधे उसी से राजनीतिक
सौदेबाजी क्यों ना हो? राजनीति
में क्या संभव नहीं है? कांग्रेस
के नेता घुटनों के बल जाकर उस बी डी
अग्रवाल से अपनी पार्टी के लिए समर्थन मांग सकते हैं जिसने अपना राजनीतिक वजूद अभी
साबित नहीं किया है। बी डी अग्रवाल को और क्या चाहिए। यही तो कहना है कि जमींदारा पार्टी कांग्रेस का
समर्थन करेगी। उनको कौनसा हाई कमान से अनुमति लेनी है। बीजेपी फिलहाल सौदेबाजी की स्थिति में नहीं है। वह तो यही आश्वासन दे सकती
है कि सरकार आई तो वह श्रीगंगानगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलेगी, बस। समय है अभी। देखो,राजनीति इस मामले में किस से क्या करवाती है।
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