Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Wednesday, April 11, 2012
टूट गए हैं रिश्ते
टूट गए हैं रिश्ते
किस्से खतम हुए
तुम क्या जानो बात
कितने जतन हुए।
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गली मोहल्ले प्यारे प्यारे
पूछ रहें हैं मिल के सारे
रहते थे जो साथ
वो क्यों बिछड़ गए।
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