Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Thursday, April 28, 2011
अपनों से हारता हूँ
गैरों
से
नहीं
अपनों
से
हारा
हूँ
,
गम
का
नहीं
प्यार
का
मारा
हूँ
।
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