Thursday, January 12, 2012

अधूरा है राजस्थान का महिला आयोग,कई हजार केस पेंडिंग



श्रीगंगानगर-राजस्थान महिला आयोग के यहां कई हजार केस पेंडिंग हैं और अभी तक आयोग का पूरी तरह गठन भी नहीं हुआ है। आयोग की अध्यक्ष
प्रो लाड कुमारी जैन खुद स्वीकार करती हैं कि आयोग अभी अधूरा है। सर्किट हाउस में हुई वार्ता के दौरान प्रो जैन ने बताया कि अध्यक्ष,सचिव सहित कुल पांच सदस्य होने चाहिए। लेकिन अभी तीन सदस्यों की नियुक्ति की जानी है। उनके बिना आयोग ठीक ढंग से काम नहीं कर सकता। अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जल्दी ही सदस्यों के मनोनयन का भरोसा दिलाया है। प्रो जैन के अनुसार आयोग के पास लगभग 3500 हजार केस पेंडिंग हैं। 79 और आ गए। इस लिए हर रोज सुनवाई करने की योजना है ताकि पेंडिंग केसों की संख्या कम हो और पीड़ित को न्याय मिले। क्योंकि आयोग का अध्यक्ष ना होने के कारण सभी को तारीख पर तारीख ही दी जा रही थी। राजस्थान विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान की प्रोफेसर लाड़ कुमारी जैन कहतीं है कि पद अधिक महत्वपूर्ण नहीं है उनके लिए। बस ये जरूर है कि कुछ नया और अधिक काम करने का अवसर मिला है। वह करके दिखाना है। अध्यक्ष ने कहा कि वे मन से महिलाओं के लिए काम करना चाहती है। सभी जिलों में एक्शन प्लान बनाना है। जिससे महिलाओं का शोषण किसी भी रूप में ना हो। राजस्थान की महिला नीति को रिव्यू किया जाना है। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होने ज़िंदगी में कभी गलत बर्दाश्त नहीं किया। महिलाओं पर होने वाले अन्याय,शोषण के खिलाफ लड़ी। सबसे पहले 1987 में सती को महिमा मंडित करने से रोकने की लड़ाई लड़ी। उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इतने काम किए तभी तो सरकार ने यह ज़िम्मेदारी सौंपी है। राजनीतिक विज्ञान की प्रोफेसर होने के बावजूद उन्होने कभी राजनीति में सक्रियता नहीं दिखाई। प्रो जैन के चेहरे पर अपने विचारों की दृढ़ता और आत्म विश्वास खूब झलक रहा था। उन्होने जो कुछ भी कहा वह पूरे आत्मविश्वास और दृढ़ता से।

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