Saturday, January 14, 2012

मेरा पहला लक्ष्य है साफ सुथरी राजनीति करना-अर्जुन मेघवाल



श्रीगंगानगर-अपनी वाणी से लोकसभा की मार्फत देश भर में पहचान बना चुके बीजेपी सांसद अर्जुन मेघवाल कहते हैं कि उनका राजनीति में आना एक संयोग मात्र है।संक्षिप्त इंटरव्यू में श्री मेघवाल ने कहा, कारण,वातावरण इस प्रकार बनता चला गया कि इसको ईश्वर का आदेश मान कर राजनीति में आ गया। क्योंकि वही सब कुछ करवाने वाला था। मकसद क्या होगा? सोचा नहीं था। आईएएस के रूप में नौकरी के छह साल बाकी थे। पूरा करना चाहता था। मैडम[वसुंधरा राजे] और ओम प्रकाश माथुर से बात हुई। नौकरी के बाद चुनाव लड़ने की बात उनके समक्ष रखी। तब मैडम ने कहा कि जो अब चुनाव जीतेगा वह टिकट लेने नहीं देगा। और हार भी जाएगा तो उसका हक आपसे पहले होगा। श्री मेघवाल ने कहा कि बस मैडम की यही बात अपील कर गई और राजनीति में आना तय हो गया। श्री मेघवाल के अनुसार तब श्री अशोक गहलोत ने भी उनसे इसी मुद्दे पर बात की थी। श्री मेघवाल के अनुसार एमपी का कैनवास एक आईएएस से काफी बड़ा होता है। आईएएस एक लिमिटेड क्षेत्र में ही काम,सेवा कर सकता है जबकि राजनीति सेवा के लिए बड़ा क्षेत्र उपलब्ध करवाती है। उन्होने कहा कि मेरा पहला लक्ष्य साफ सुथरी राजनीति करना है। अब तक के अपने राजनीतिक सफर को पूरी तरह संतोष जनक मानता हूं। किसी प्रकार का कोई आरोप अभी तक नहीं लगा है। अपने क्षेत्र में सांसद सेवा केंद्र चलाने वाला देश का पहला एमपी हूं। श्री मेघवाल ने बताया कि यह सेवा केंद्र हमेशा काम करता है। हर मतदाता कि छोटी से छोटी अर्जी पर कार्यवाही होती है। और इतना ही नहीं इसकी अर्जी देने वाले को सूचना तक दी जाती है। उन्होने बताया कि बीकानेर,दिल्ली,जयपुर में अलग अलग पीए हैं जो हर समय जनता के काम मे लगे रहते हैं। उन्होने कहा कि नौकरशाही लोकतन्त्र की भावना के अनुरूप होनी चाहिए। अच्छे जनप्रतिनिधि की बात नौकरशाही को हर हाल में सुननी चाहिए।श्री मेघवाल ने कहा कि नौकरशाही मुझे चकमा नहीं दे सकती। क्योंकि मैं जनता हूं कि सब काम कैसे करने है या करवाने हैं। श्री मेघवाल ने कहा कि वे ठीक 10.30 बजे लोकसभा पहुँच जाता हूं। समय पर आने वाले बहुत कम सांसद हैं। वे खुद कहते हैं कि चूंकि मैं एक बहुत अधिक सक्रिय सांसद हूं इसलिए मेरी जान पहचान भी बहुत अधिक है। कई बार किसी विषय पर पार्टी की ओर से तुरंत बोलना पड़े तो मैं संकट मोचक के रूप में काम में लिया जाता हूं। इस बात का मुझे गर्व है कि पार्टी मुझे इस काबिल समझती है। श्री मेघवाल के अनुसार राजनीति का बीज मेरे अंदर गंगानगर में 1991में श्याम चुघ ने डाला। तब में मण्डल अध्यक्ष थे। तब मेरे बच्चे छोटे थे। उसके बाद 1996 और 2003 में कोशिश की तो पार नहीं पड़ी। 2009 में ईश्वर ने यह चान्स दिया। ज्ञात रहे कि अर्जुन मेघवाल पहली बार सांसद बने हैं। इसके बावजूद वे ना केवल सांसदों बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की निगाह में हैं। इसका कारण कि उनकी हर विषय पर गहरी पकड़। उनका अध्ययन। भाषण देने की शैली। और सबसे अधिक अपने काम के प्रति गंभीरता। यही वजह है कि आज उनको जानने वाले देश के हर क्षेत्र में हैं।

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