Sunday, October 9, 2011

शुक्रिया जिला कलेक्टर। धन्यवाद एसपी साहब।

श्रीगंगानगर-शुक्रिया जिला कलेक्टर। धन्यवाद एसपी साहब। आभार उन सभी अधिकारियों का जो उनके साथ थे।श्रीगंगानगर के इतिहास में यह पहला मौका था जब कलेक्टर,एसपी की अगुवाई में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने बस में एक साथ जिला मुख्यालय का भ्रमण किया। उसकी मुख्य समस्या को देखा। उसके समाधान के बारे में चर्चा की।यह तो संभव है कि कलेक्टर एसपी शहर का दौरा करें। अधिकारियों को भी बुला लें। धूल उड़ाती कई सरकारी गाड़ियां इधर उधर आती जाती दिखाई दें। जनता को लगे कि कुछ हो रहा है। मीडिया ये समझे कि कोई बड़ी गंभीर घटना हो गई। पर यह बात कल्पना से परे थी कि जिला प्रशासन ही बस में सवार हो नगर के हालात खुद देखेगा। ना केवल देखेगा बल्कि वहीं चर्चा भी करेगा। शहर का कोई हिस्सा शायद ही बचा होगा जहां बस ना पहुंची हो। बात ये नहीं कि समस्याओं का समाधान होगा या नहीं। बात ये भी तो है कि अब तो खुद प्रशासन ने अपनी आंख से सब कुछ देख लिया। कुछ ना कुछ तो होगा ही। यह सब पब्लिसिटी के लिए किया हो लगता नहीं। क्योंकि कलेक्टर,एसपी को पब्लिसिटी करवा के क्या करना है। प्रशासनिक सूत्रों से पता चला है कि कलेक्टर और एसपी में बहुत अच्छी ट्यूनिंग है। इनका मकसद दीपावली तक शहर की दशा में सुधार करने की है। ताकि इस बड़े त्योहार पर जनता को अपना शहर ठीक ठाक लगे। चाहे बहुत बड़ा सुधार कम समय में करने में कलेक्टर,एसपी सफल ना हों लेकिन इतना जरूर हो जाएगा जिससे जनता को ये लगे कि बस में प्रशासन घूमा तो कुछ तो हुआ। ये संयोग ही है कि ठीक दिवाली के दिन ही इस बार श्रीगंगानगर का स्थापना दिवस भी है। दोनों ही श्रीगंगानगर का स्थापना दिवस नए स्टाइल से मनाने के बारे में न केवल सोच रहें हैं बल्कि दोनों के पास कोई प्लानिंग भी है। सूत्र कहते हैं कि बुजुर्ग व्यक्तियों के अनुभव भी इस प्लानिंग का हिस्सा होंगे। इसके अलावा नगर के अनेक ऐसे व्यक्ति भी स्थापना दिवस समारोह में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रशासन के साथ हो सकते हैं जो निर्विवाद हैं। जिनकी सोच कुछ हट के करने की हो। प्रशासन सूत्रो से इसी प्रकार के व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त करने में लगा है। संभव है उन तक प्रशासन का संदेह पहुंचे।अनिल गुप्ता कहते हैं-समय स्वयं समझा देगा अपने और पराए कौन,मैं मुद्दत से उसका हूं लेकिन उसे बताए कौन। एसएमएस मनीष गर्ग कासंता बंता से,कौनसी कास्ट के लोग देश के अच्छे नागरिक होते हैं? बंता-बनिए। संता-कैसे?बंता-हर स्थान पर लिखा होता है देश के अच्छे नागरिक बनिए

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