श्रीगंगानगर।
सभापति अजय चाण्डक ने विधायक श्रीमती कामिनी जिंदल सिंगला से विधानसभा चुनावों में
जमींदारा पार्टी द्वारा किए गए वादों की हकीकत के बारे मेँ पूछा है ?एक प्रेस नोट मेँ सभपति ने सवाल
किया है कि विधायक कोटे के दो करोड़ रुपए के अलावा निजी तौर पर खर्च किए जाने वाले 18 करोड़ रुपए कहां हैं? विधायक के कार्यकाल के दो साल पूरे
होने जा रहे हैं, जिसके हिसाब से अब तक शहर में 36 करोड़ रुपए खर्च होने चाहिए थे, जबकि अब तक उन्होंने निजी तौर पर
फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं की। साथ ही, वोट बटोरने के लिए शुरू की गई स्कूली बच्चों की छात्रवृत्तियां और बुजुर्गां
की पेंशन भी बंद कर दी गई हैं। जनता के साथ हुए छलावे का हिसाब विधायक को
सार्वजनिक मंच पर देना चाहिए।
सभापति ने
विधायक श्रीमती कामिनी जिंदल सिंगला की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि
विधानसभा चुनाव के समय उनकी पार्टी ने डबल डेकर नहर बनाने, हिंदुस्तान-पाकिस्तान का बॉर्डर
खुलवाने, गरीबों के लिए 44 बीघा जमीन पर स्कूल बनाकर मुफ्त
शिक्षा देने तथा हजारों युवाओं को रोजगार देने जैसे झूठे ख्वाब दिखाकर वोट बटोरने
की ओछी राजनीति की, जबकि अब जनता ऐसे सब्जबागों की
हकीकत से वाकिफ हो चुकी है। यही वजह है कि सोमवार को चक्काजाम के दौरान विधायक के
साथ एकमात्र उनका पीए ही पहुंचा था और बाकी समर्थक गायब थे। सभापति ने कहा है कि
विधायक बनने के बाद से ही जनता की आंखों से ओझल हो गई। श्रीमती कामिनी जिंदल
सिंगला कोतवाली पुलिस थाना में गुमशुदगी रिपोर्ट दिए जाने के बाद ही नजर आनी शुरू
हुई हैं। अभी जुम्मा-जुम्मा हफ्ते-दो हफ्ते से दोबारा जनता के बीच आई विधायक को यह
गलतफहमी हो गई है कि वे जो कुछ भी कहेंगी, जनता मान लेगी और उनके पीछे हो लेगी। जबकि हकीकत यह है कि जमींदारा पार्टी को
जनता पिछले लोकसभा चुनावों, पंचायत चुनावों और अभी हाल ही में
हुए निकाय चुनावों में आइना दिखा चुकी है। सभापति अजय चाण्डक ने विधायक से
बयानबाजी करने की बजाए काम करने को कहा है, क्योंकि जनता ने उन्हें विकास कार्य करवाने के लिए जिताया था, उनके तथाकथित एंग्री यंग वूमैन वाले
डायलॉग सुनने के लिए नहीं।
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