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दो लाइने मैं भी जोड़ रहा हूँ नाराद जी ;साधना इनका अपना हित हो गया !बन्दूक चलाने को कंधा ललित हो गया !!
श्री मन नारायण-नारायण-नारायण.
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दो लाइने मैं भी जोड़ रहा हूँ नाराद जी ;
साधना इनका
अपना हित हो गया !
बन्दूक चलाने को
कंधा ललित हो गया !!
श्री मन नारायण-नारायण-नारायण.
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