कांग्रेस की महारानी श्रीमती सोनिया गाँधी को श्रीगंगानगर की गर्मी से बचाने के लिए उनके मंच पर चार एसी लगाये गए। मंच इतना "बड़ा" था की ७ आदमी से वहां भीड़ हो जाती है। दो एसी कुर्सियों के पीछे,एक वहां जहाँ सोनिया जी ने खड़े होकर बोलना था। एक उस ओर जहाँ उनको बैठना था। हर पल देश की सेवा का दम भरने वाले ये नेता देश के लोगों की तरह गर्मी को सहन नहीं करते। कई हजार जनता मामूली पंखों के नीचे बैठे थे जो गर्म हवा उनतक पहुँचा रहे थे। दूसरी तरफ़ सोनिया महारानी चार चार एसी के बीच देश की जनता का सेवक होने की बात कर रही थी। अब यह बात समझ से परे है की एसी लगाने के निर्देश स्थानीय कांग्रेस लीडरों,प्रशासन को सोनिया गाँधी के यहाँ से मिलते हैं या यह सब ये लोग अपनी मर्जी से करते हैं। कितनी हैरानी की बात है कि जिस जनता से आपको वोट लेने हैं वह तो आपके सामने गर्मी में मर रही है औरआप कूल कूल मंच पर से देश के गरीबों,आमजनों,असहाय लोगों की तकलीफ दूर करने की बात करती हैं। सोनिया जी आपने एक बार भी नहीं सोचा कि मेरे आस पास तो इतनी ठंडी हवा आ रही है और वह जनता गर्मी में परेशान हो रही है जिसके सहारे आप को सरकार बनानी है। अगर हमारे देश के शीर्ष नेता ही ऐसा करेंगें तो जनता किस पर भरोसा करे? जब एक लीडर आमजन की तरह रह ही नहीं सकता तो फ़िर वह उनका हमदर्द और लीडर भी कैसे हो सकता है।
5 comments:
ऐसी की जय हो! तैसी की जय हो!
अरे यह तो होना ही था, राजमाता हैं, अभिजात्य और सुविधाभोगी नेहरू-गाँधी परिवार से हैं और उस पार्टी की मुखिया हैं, जिसने देश को मुसीबतों की लू देकर अपने गले तर किये हैं.
जय हो.
आंय... लगत है ग़लत बोल गए
क्षय हो.
This is really truth ?
इसमे इतना हो हल्ला करने वाली बात तो नहीं हैं क्यूंकि बचपन से ही उन्हें वो सारी सुख सुविधा नसीब हुई हैं, इसी कारन उनका शारीरिक ढांचा वैसा ही तेयार हुआ है, वो जनसभा अटैंड करने आई थी न की अपनी जान गंवाने, अगर खेत मैं हल चलाने वालों को आप ए.सी मैं बिठाएँगे तो क्या बेथ पायेगा? बात का बतंगड़ इसी का नाम है !!
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