Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Sunday, July 17, 2011
रिमझिम रिमझिम
रिमझिम रिमझिम
पड़ता रहा मेह,
लिपटे रहे
एक दूजे से
बढ़ता रहा नेह।
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