Saturday, July 2, 2011

इन्टरनेट तो चालू है

श्रीगंगानगर—आप इंटरनेट के रसिया हो! आपके पास शानदार,जानदार और दमदार लेपटोप है! तो बस आपको किसी कंपनी से इंटरनेट सुविधा लेने की कोई जरूरत नहीं है। बिना कोई दाम के आप इंटरनेट घंटों यूज कर सकते हो। यह कोई मज़ाक नहीं। ना ही किसी कंपनी का कोई नया फंडा है। यह तो जुगाड़ है जो आपके काम आ सकता है। बस इसके लिए आपको उस स्थान के आस पास जाना होगा जहां ब्रॉडबैंड से इंटरनेट चलाया जाता है। जहां इंटरनेट चल रहा हो ,उसके कुछ फुट दूर आप भी अपने लेपटोप पर इंटरनेट यूज करने का आनंद ले सकते हो। श्रीगंगानगर के एक स्थान पर नहीं अनेक स्थान पर इस प्रकार से किसी के ब्रॉडबैंड को कोई और यूज कर रहा है। कोई भी असामाजिक तत्व या कोई शरारती इस प्रकार से किसी को आर्थिक चपत लगा सकता है। क्योंकि जितना वह व्यक्ति उपलोड,डाऊनलोड करेगा उसका बिल उसके खाते मे आएगा जिसका वह कनैक्शन है। चूंकि उसकी जेब से कुछ नहीं लगना इसलिए वह इस्तेमाल भी बेदर्दी से करेगा। बीएसएनएल के अधिकृत सूत्र इस बात को स्वीकार करते हैं कि ऐसा संभव है। उनका कहना है कि जिन यूजर के यहाँ वाई फाई मॉडम होता है उसके आस पास कोई दूसरा भी इंटरनेट यूज कर सकता है। वाई फाई मॉडम की रेंज कई फुट तक होती है। इसलिए कई लेपटोप पर एक साथ एक ब्रॉडबैंड से इंटरनेट चलाया जा सकता है। यह मॉडम इस लिए होता है ताकि एक ही बिल्डिंग में रहने वाले एक कनैक्शन से अलग अलग बैठ कर अपना काम कर सकें। उनको कनैक्शन मे अधिक राशि ना खर्च करनी पड़े। सूत्र ने कहा कि ब्रॉडबैंड कनैक्शन का दुरुपयोग रोकने के लिए उसका पासवर्ड किसी को नहीं बताना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई आस पास ऐसा व्यक्ति तो नहीं जो आपके इंटरनेट चलाने के समय को जानता हो। संभव है वह उस समय अपने लेपटोप पर इंटरनेट चलाये जब आपका इंटरनेट ऑन हो। सूत्र ने बताया कि इंटरनेट का दुरुपयोग ना हो इसके लिए सावधानी जरूरी है।

2 comments:

रवि रतलामी said...

यह समस्या मासूम इंटरनेट प्रयोक्ताओं और इंटरनेट सेवा प्रदाता के बेवकूफ टेक्नीशियनों द्वारा उत्पन्न होती है. हर वायरलेस मॉडम में सुविधा होती है कि उसे पासवर्ड से सुरक्षित किया जा सके. पर या तो पासवर्ड डाला ही नहीं जाता या डिफाल्ट पासवर्ड प्रयोग किया जाता है.

उपभोक्ता को स्वयं सजग होकर अपने वायरलेस मॉडम में पासवर्ड डलवाना चाहिए, क्योंकि अनलिमिटेड प्लान में भले ही पैसा न लगे, मगर स्पीड की चोरी तो हो ही जाती है.

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

सावधानी हटी "दुर्घटना" घटी