Thursday, July 2, 2009

एक से नो तक

समय--१२.३४.५६
तारीख--७.८.९
मतलब, १,२,३,४,५,६,७,८,और ९ एक साथ। ऐसा दुबारा हमारे जीवन में तो होने वाला नहीं। इसलिए उस दिन कुछ ना कुछ तो अलग से होना ही चाहिए। जिस से इस पल की याद हमारे दिलों में रहे। क्या होना चाहिए? आप भी सोचो हम भी सोचतें हैं। जब इतने सब सोचेंगें तो हर हाल में नया विचार आएगा ही।

5 comments:

Udan Tashtari said...

आज जो लहर गुजरी है वो भी कभी नहीं आयेगी...क्या क्या गिनोगे!! नारायण नारायण!!

डॉ. मनोज मिश्र said...

shee kha hai smeer jee ne .

अभिनव भारद्वाज said...

Sunahare palo ko to hamesha yaad rakhna chahiye..

aur jo pal aane wale hai unhe sunhare palo mein parivartit karne ka prayatan karna chahiye...!

विवेक सिंह said...

अगर हम आपके बताए समय के नौ मिनट के भीतर ही चल न बसे तो यही मुहूर्त फ़िर देखने को मिलेगा :)

राज भाटिय़ा said...

जिन्दा रहे तो आप को इस पल टिपण्णि करेगे.