आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
विज्ञापन और दूसरे चैनलो का हिसाब-किताब्। भई वाह,सटीक लिखा आपने।
अरे अभी बहुत कुछ है जनाब! भूत, प्रेत, हत्या, नेताओं के बयान और कई ऐसी भी चीज़ें जो कहे जाने लायक ही नहीं हैं.
बहुत कम शब्दों में आपने पूरी बात कह दी...नारायण नारायण
चाँद और फिजा की मुहब्बत :-)
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विज्ञापन और दूसरे चैनलो का हिसाब-किताब्। भई वाह,सटीक लिखा आपने।
अरे अभी बहुत कुछ है जनाब! भूत, प्रेत, हत्या, नेताओं के बयान और कई ऐसी भी चीज़ें जो कहे जाने लायक ही नहीं हैं.
बहुत कम शब्दों में आपने पूरी बात कह दी...नारायण नारायण
चाँद और फिजा की मुहब्बत :-)
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