हमारी कहो या आपकी, यह सरकार भी खूब है। इसका अपने "गुरूजी" जैसे लोगों पर तो बस चलता नहीं। इस कमजोरी को छिपाने के लिए वह उस पर अंकुश लगा रही है जो "गुरूजी" जैसों को पाठ पढ़ा सकती है। भाई जब आप कुछ ग़लत ही नहीं कर रहे तो फ़िर किस बात का डर है। यह भी सही है कि घर से लेकर देश तक को बेहतर तरीके से चलाने,उसको खुशहाल रखनेके लिए कुछ नियम कायदे बनाने और अपनाने पड़ते हैं। परन्तु ऐसा नही हो कि इसकी आड़ में मुखिया ऐसे नियम कायदे लागु कर दे जिस से घर समाज देश में किसी मेंबर को अपना रोजमर्रा का कामकाज करना ही मुश्किल हो जाए,या वह वो सब ना कर सके जो उसका धर्म या कर्तव्य है। ऐसा ही अब सरकार करने में लगी है। ऐसी कोशिश पहले भी होती रहीं हैं। ग़लत का विरोध होना ही चाहिए चाहे वह कोई भी कर रहा हो। आज मीडिया सरकार के कदमों का विरोध कर रहा है। क्योंकि उसके साथ ग़लत ग़लत हो रहा है। अगर सरकार का अंकुश उसके ऊपर रहा तो मीडिया वह नहीं कर सकेगा जो समाज और देश हित में उसको करना होता है।
4 comments:
अगर सरकार का अंकुश उसके ऊपर रहा तो मीडिया वह नहीं कर सकेगा जो समाज और देश हिट में उसको करना होता है।
"नारायण नारायण समाज के हित की चिंता यहाँ किस को पडी है गुरूजी....."
regards
सही कहा जी ! नारायण नारायण !
नारायण नारायण पंजाबी मै एक कहावत है, अभी उस का अनुवाद हिन्दी मै कर रह हुं...
ऊठ हुंदा नई फ़िट्टॆ मुहं गोडेया दा.
ऊठा जाता नही, काला मुंह घुटनो का.
इस का मतलब काम तो होता नही ओर लेकिन बहाना तो कोई बनाना ही है, इस लिये इल्जाम किसी ओर पर.
यह है हमारी सरकार का काम, आज तक इस सरकार ने कोई जनता के हित का काम किया है, जो अब इसे जनता के हित का ख्याल आ गया
सही कहा!!
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